पश्चिम बंगालः भाजपा की रथयात्रा फिर टली, हाई कोर्ट ने लगाई रोक
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की रथयात्रा पर असमंजस बरकरार है। राज्य सरकार ने इस यात्रा को मंजूरी नहीं दी थी, जिसके बाद मामला हाई कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट की सिंगल बेंच ने रथयात्रा की अनुमति नहीं दी, फिर डिविजन बेंच के पास मामला पहुंचा, डिविजन बेंच ने रथयात्रा की अनुमति दे दी थी। अब हाई कोर्ट के मुख्य न्यायधीश की पीठ ने डिविजन बेंच के फैसले को पलटते हुए रथयात्रा पर रोक जारी रखी है।
भाजपा के लिए बड़ा झटका
गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा को मंजूरी दे दी थी। इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सरकार ने कोर्ट से इस मामले में तुरंत सुनवाई की अपील की, जिस पर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की बेंच सुनवाई के लिए तैयार हो गई। फिलहाल कोर्ट ने इस रथयात्रा पर स्टे लगाया दिया है। इस फैसले को भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
सांप्रदायिक सद्भाव का हवाला देकर रथयात्रा को मंजूरी देने से इनकार
भाजपा राज्य में 7 दिसंबर से 'गणतंत्र बचाओ यात्रा' नाम से रथयात्रा निकालना चाहती थी। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को शामिल होना था, लेकिन राज्य सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने का हवाला देकर रथयात्रा को मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। खुद शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ममता बनर्जी भाजपा से डरी हुई हैं, इसलिए वे राज्य में पार्टी को रैली करने की अनुमति नहीं दे रही।
22 दिसंबर से प्रस्तावित थी यात्रा
ममता सरकार के इस फैसले को बड़ी जीत माना जा रहा है। राज्य सरकार ने पहले से ही कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए इस रथयात्रा की मंजूरी नहीं दी थी। अब हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार के पक्ष में फैसला दिया है। वहीं भाजपा के सामने अब हाई कोर्ट की बड़ी बेंच या सुप्रीम कोर्ट में जाने का विकल्प बचा है। भाजपा की प्रस्तावित रथयात्रा 22 दिसंबर से शुरू होने वाली थी।