राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग पर AAP में घमासान, अलका का इस्तीफा

दिल्ली विधानसभा में हुई घटना से आम आदमी पार्टी (AAP) में घमासान मच गया है। दरअसल, कल शाम दिल्ली विधानसभा में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न सम्मान वापस लेने से संबंधी प्रस्ताव पेश किया गया। जब सदन में यह प्रस्ताव पेश हुआ तो सभी ने खड़े होकर उसे स्वीकार किया, लेकिन AAP विधायक अलका लांबा इसके विरोध में उठ कर बाहर चली गईं। साथ ही उन्होंने ट्वीटर पर इस प्रस्ताव की कॉपी शेयर कर दी।
आज @DelhiAssembly में प्रस्ताव लाया गया की पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी जी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिये,
— Alka Lamba (@LambaAlka) December 21, 2018
मुझे मेरे भाषण में इसका समर्थन करने को कहा गया,जो मुझे मंजूर नही था,मैंने सदन से वॉक आउट किया।
अब इसकी जो सज़ा मिलेगी,मैं उसके लिये तैयार हूँ। pic.twitter.com/ykZ54XJSAv
विधानसभा में सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग वाला प्रस्ताव लाया गया था। केजरीवाल सरकार का दावा है कि एक विधायक ने अपने हाथ से लिख दिया कि राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न वापस लिया जाए। हालांकि, अलका लांबा की तरफ पोस्ट की गई कॉपी में दिख रहा है कि यह लाइन पहले से प्रिंटेड थी। विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल का कहना है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विधानसभा में पारित नहीं हुआ है।
एक तरफ जहां राज्य सरकार प्रस्ताव के पास नहीं होने की बात कह रही है, वहीं भाजपा ने कहा कि यह प्रस्ताव पास हो गया है। भाजपा नेता विजेंद्र शर्मा ने कहा कि यह प्रस्ताव पास हो चुका है और अब यह सदन की कार्यवाही का हिस्सा बन गया है। कांग्रेस ने इस पूरे मामले को लेकर AAP सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता अजय माकन ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि AAP भाजपा की B टीम है।
सतारूढ़ दल आमआदमी पार्टी द्वारा सदन मे प्रस्ताव कि 84 के सिख दंगों के मामले मे " राजीव गांधी का भारत रत्न वापिस लिया जाये" पारित हो चुका है
— Vijender Gupta (@Gupta_vijender) December 21, 2018
तथा अब यह प्रस्ताव सदन की कार्यवाही का अंग बन चुका है। https://t.co/NKXTRmbL4Z
मामले पर अपना पक्ष रखते हुए अलका लांबा ने कहा कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव लाया गया। उन्हें इसका समर्थन करने को कहा गया। उन्हें यह मंजूर नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्हें जो सजा मिलेगी, उसके लिए वे तैयार हैं। पार्टी लाइन से अलग जाकर बयान देने से नाराज AAP नेतृत्व ने पार्टी से उनकी प्राथमिक सदस्यता को रद्द कर दिया और विधायक पद से इस्तीफा भी ले लिया गया है।
इस विवाद को लेकर आम आदमी पार्टी डैमेज कंट्रोल में जुट गई है। केजरीवाल की तरफ से सभी विधायकों को मामले में किसी भी प्रकार की बयानबाजी करने से बचने को कहा गया है। शनिवार सुबह कुछ विधायकों को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया गया था। विवाद के निपटारे की जिम्मेदारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दी गई है। दोनों ने साथ मिलकर काफी काम किया है। वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अलका से इस्तीफा नहीं मांगा गया है।