ममता बनर्जी को बड़ा झटका, कलकत्ता हाई कोर्ट ने भाजपा की रथयात्रा को दी मंजूरी
कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रस्तावित रथयात्रा निकालने की मंजूरी दे दी है। इसे ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें, ममता ने भाजपा को यात्रा निकालने की मंजूरी नहीं दी थी, जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा था। इस महीने की शुरूआत में कोर्ट की सिंगल बेंच ने रथयात्रा पर रोक लगाई थी। अब डिविजन बेंच ने इस फैसले को रोक दिया है।
सांप्रदायिक सद्भाव का हवाला देकर रथयात्रा को मंजूरी देने से इनकार
भाजपा राज्य में 7 दिसंबर से 'गणतंत्र बचाओ यात्रा' नाम से रथयात्रा निकालना चाहती थी। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को शामिल होना था, लेकिन राज्य सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने का हवाला देकर रथयात्रा को मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। खुद शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ममता बनर्जी भाजपा से डरी हुई हैं, इसलिए वे राज्य में पार्टी को रैली करने की अनुमति नहीं दे रही।
कोर्ट ने बदला सिंगल बेंच का फैसला
भाजपा ने राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की। कोर्ट की सिंगल बेंच ने रथयात्राओं पर रोक लगा दी थी। इस फैसले के खिलाफ भाजपा ने डिविजन बेंच के सामने याचिका दायर की। डिविजन बेंच ने भाजपा के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसे राज्य सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बेंच ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि उसने इस मामले में भाजपा के प्रार्थना-पत्र का जवाब क्यों नहीं दिया।
रथयात्रा की तारीखें तय
भाजपा पहले 7 दिसंबर से इन रथयात्राओं के आयोजन की तैयारी में थी, लेकिन आयोजन नहीं हो पाया था। अब पार्टी 22 दिसंबर को कूच बिहार से, 24 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले से और 26 दिसंबर को बीरभूम के तारपीठ से रथयात्रा निकालेगी।