Page Loader
भाजपा सांसद ने की शशि थरूर की सदस्यता रद्द करने की मांग, जानें कारण

भाजपा सांसद ने की शशि थरूर की सदस्यता रद्द करने की मांग, जानें कारण

May 25, 2021
03:18 pm

क्या है खबर?

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कांग्रेस सांसद शशि थरूर की सदस्यता रद्द करने की मांग की है। पहली बार भारत में पाए गए कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को 'भारतीय वेरिएंट' कहने के लिए दुबे ने थरूर के खिलाफ इस कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने थरूर पर इन शब्दों के जरिए संसद और भारत सरकार की छवि खराब करने का आरोप भी लगाया है।

पत्र

दुबे ने अपने पत्र में क्या लिखा?

अपने पत्र में दुबे ने लिखा है कि समृद्ध राजनयिक अनुभव के बावजूद थरूर ने अपने ट्वीट्स में "भारतीय वेरिएंट" शब्द का इस्तेमाल किया जबकि WHO भी इसे B.1.617 वेरिएंट कहता है। उन्होने कहा, "यह समझ से परे है कि कोई भारतीय सांसद ऐसे अवैज्ञानिक और भारतीयों के प्रति अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकता है। भारत सरकार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भारतीय वेरिएंट शब्द को हटाने को कह चुकी है, इसके बावजूद थरूर ने इसका इस्तेमाल किया।"

आरोप

थरूर देश से ज्यादा राहुल गांधी के एजेंडे के लिए चिंतित- दुबे

दुबे ने कहा कि यह शर्मनाक है कि एक लोकसभा सदस्य हमारे देश और लोगों को शर्मिंदा करने के लिए ऐसे शब्द का उपयोग कर रहा है। थरूर पर संसद की स्थाई समिति को कांग्रेस पार्टी के विस्तार के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि वह देश की बजाय अपनी पार्टी और राहुल गांधी के एजेंडे के लिए ज्यादा चिंतित हैं। उन्होंने थरूर को इस समिति के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग भी की।

सवाल

दुबे ने टूलकिट मामले में भी उठाए थरूर पर सवाल

टूलकिट के मुद्दे पर दुबे ने लिखा है, "टूलकिट विवाद में वह सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय से सफाई मांग रहे हैं, जबकि ट्विटर की कार्रवाई देश के IT कानून के खिलाफ है... थरूर अपनी पार्टी और विदेश में बैठे अपने आका के कहने पर सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने में ट्विटर की मदद कर रहे हैं... यह एक तरह से दुश्मन देशों की मदद करना है। इसी कारण उनकी लोकसभा की सदस्यता तुरंत खत्म कर दी जानी चाहिए।"

विवाद

कोरोना के 'भारतीय वेरिएंट' को लेकर बना हुआ है विवाद

बता दें कि बीते कुछ दिनों से कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट के लिए 'भारतीय वेरिएंट' शब्द इस्तेमाल करने को लेकर विवाद बना हुआ है। इस डबल म्यूटेंट वेरिएंट को पहली बार पिछले साल अक्टूबर में भारत में पाया गया था और ये कई देशों में फैल चुका है। बीते दिनों भारत सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को पत्र लिख 'भारतीय वेरिएंट' शब्द इस्तेमाल करने वाली सभी पोस्ट्स को हटाने का निर्देश दिया था।