कृषि विधेयकों पर आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगे विपक्षी नेता
कृषि विधेयकों पर विवाद और संसद के बहिष्कार के बीच विपक्षी पार्टियां आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेंगी। कोरोना वायरस संबंधी नियमों के कारण कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद समेत पांच विपक्षी नेताओं को राष्ट्रपति से मिलने की इजाजत दी गई है। बता दें कि इससे पहले 18 विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति को एक पत्र भी लिख चुकी हैं जिसमें उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए राष्ट्रपति से इन विवादित विधेयकों पर हस्ताक्षर न करने का अनुरोध किया था।
कृषि विधेयकों को लेकर आमने-सामने है सरकार और विपक्ष
कृषि विधेयकों को पारित कराने जाने के तरीके और राज्यसभा में हंगामे करने के लिए आठ विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने को लेकर मोदी सरकार और विपक्ष आमने-सामने है। विपक्ष का आरोप है कि राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने उनकी मांग के बावजूद कृषि विधेयकों पर वोटिंग नहीं कराई और इसे ध्वनि मत से पारित कर दिया। उन्होंने सरकार पर संसदीय नियमों की धज्जियां उड़ाकर इन विधेयकों को पारित कराने का आरोप लगाया है।
संसद का बहिष्कार कर रहे विपक्ष ने सरकार के सामने रखी हैं तीन मांगे
विपक्ष कल से संसद का बहिष्कार भी कर रहा है और उसने अपना बहिष्कार खत्म करने के लिए सरकार के सामने तीन मांगे रखी हैं। इनमें सरकार से ऐसा विधेयक लाने की मांग भी की गई है जिससे व्यापारी किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के कम कीमत पर फसल न खरीद सकें। इसके अलावा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर MSP तय करने और किसानों से MSP पर सरकारी खरीद सुनिश्चित करने की मांग भी की गई है।
सरकार ने कहा- सांसदों के माफी मांगने के बाद ही होगा निलंबन वापस लेने पर विचार
इसके अलावा विपक्ष ने सरकार से उपसभापति के साथ अमर्यादित व्यवहार के लिए निलंबित आठ विपक्षी सांसदों का निलंबन वापस लेने का अनुरोध भी किया है। हालांकि सरकार भी पीछे हटने को तैयार नहीं है और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने साफ कर दिया है कि निलंबित सांसदों के अपने आचरण के लिए माफी मांगने के बाद ही सरकार इसे वापस लेने पर विचार करेगी। उन्होंने सांसदों के सांसदों के अमर्यादित व्यवहार की तीखी आलोचना भी की।
उपसभापति के पीछे लामबंद सरकार, खुद प्रधानमंत्री ने किया समर्थन
इसके अलावा सरकार उपसभापति हरिवंश के पीछे भी लामबंद हो गई है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनका समर्थन किया है। धरने पर बैठे विपक्षी सांसदों को चाय करके देने के हरिवंश के कदम की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा था, "यह हरिवंश जी की उदारता और महानता को दर्शाता है। लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है। मैं उन्हें इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।"
क्या है कृषि विधेयकों का पूरा मुद्दा?
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए मोदी सरकार तीन विधेयक लेकर आई है जिनमें से दो कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक और मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक संसद से पारित हो चुके हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन बिलों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिए सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।