फिर बढ़े रसोई गैस के दाम, 21 दिन में 100 रुपये महंगा हुआ सिलेंडर
देश में पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस की कीमतों में भी लगातार इजाफा हो रहा है। तेल कंपनियों ने फरवरी में ही तीन बार रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी। कंपनियों ने गुरुवार को रसोई गैस सिलेंडरों पर 25 रुपये बढ़ा दिए। इसमें सब्सिडी वाला सिलेंडर और उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सिलेंडर भी शामिल है। कोरोना महामारी के बीच लगातार बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़कर रख दी है।
794 रुपये का हो गया सिलेंडर
इस बढ़ोतरी के बाद अब दिल्ली में 14.2 किलोग्राम के रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 794 रुपये हो गई है। अभी तक इसके दाम 769 रुपये थे।सब्सिडी और बिना-सब्सिडी वाले यानी दोनों सिलेंडरों के दाम बढ़ाए गए हैं। बता दें कि पूरे देश में LPG के दाम एक ही होते हैं। सरकार कुछ चुनिंदा ग्राहकों को सब्सिडी देती है। हालांकि, पिछले कुछ साल के दौरान महानगरों और बड़े शहरों में बढ़ती कीमतों के बाद सब्सिडी बंद हो गई है।
फरवरी में तीन बार हो चुका है कीमतों में इजाफा
बता दें कि फरवरी में तेल कंपनियां तीन बार रसोई गैस की कीमतों में इजाफा कर चुकी है। सबसे पहले 4 फरवरी को कीमतों में 25 रुपये प्रति सिलेंडर की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद 15 फरवरी को 50 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाए गए थे। दिसंबर से रसोई गैस सिलेंडर लगातार महंगा हो रहा है। इस दौरान गैस की कीमतों में 150 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इससे आम आदमी की जेब पर बड़ा कट लगता नजर आ रहा है।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में नहीं हुआ इजाफा
देश में पिछले कई दिनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। हालांकि, पिछले दो दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 90.93 रुपये प्रति लीटर और डीजल 81.32 रुपये प्रति लीटर है। हालांकि, अभी भी कई राज्यों में पावर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चल रही है। इससे लोगों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा रहा है।
विपक्ष लगातार जता रहा है विरोध
बता दें कि पेट्रोल-डीजल और रसाई गैस की लगतार बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हो रहा है। गत दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बढ़ाई हुई कीमतों को वापस लेते हुए आम आदमी, किसान और गरीबों को राहत पहुंचाने की मांग की थी। गांधी ने पत्र में सरकार पर मुनाफाखोरी का भी आरोप लगाया था तथा अपनी असफलता का दोष दूसरों पर नहीं मढ़ने की नसीहत दी थी।