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टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड करेगी नए संसद भवन का निर्माण, 861.90 करोड़ रुपये में मिला कॉन्ट्रेक्ट

टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड करेगी नए संसद भवन का निर्माण, 861.90 करोड़ रुपये में मिला कॉन्ट्रेक्ट

Sep 16, 2020
09:50 pm

क्या है खबर?

देश के नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड करेगी। कंपनी ने 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाकर निर्माण का कॉन्ट्रेक्ट हासिल कर लिया है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने नए संसद के निर्माण के लिए आई बोलियों को बुधवार को खोला। इसमें फैसला टाटा के पक्ष में आया। टाटा ने निर्माण का कॉन्ट्रेक्ट हासिल करने के लिए लार्सन एंड टुब्रो को पीछे छोड़ दिया। उसने 865 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।

निर्माण

प्रोजेक्ट के पूरा होने में लगेगा 21 महीनों का समय

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नया भवन की मौजूदा संसद भवन के नजदीक ही बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के 21 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है। CPWD के मुताबिक नया भवन संसद भवन संपदा की प्लॉट संख्या 118 पर बनाया जाएगा। परियोजना के अमल में आने के पूरी अवधि के दौरान मौजूदा संसद भवन में कामकाज जारी रहेगा। बता दें कि CPWD ने नए निर्माण में 940 करोड़ की लागत का अनुमान लगाया था।

जानकारी

इसलिए बनवाया जा रहा है नया संसद भवन

देश को आजाद हुए 75 साल होने वाले हैं और संसद भवन काफी पुराना हो चुका है। उसमें कई समस्याएं आ रही हैं। मोदी सरकार का इरादा है कि 15 अगस्त, 2022 को आजादी की 75 की वर्षगांठ पर सांसद नए संसद भवन में बैठें।

आकार

त्रिकोणाकार में बनेगा नया संसद भवन

CPWD के अनुसार वर्तमान भवन गोलाकार में है, लेकिन नया संसद भवन त्रिकोणाकार में बनाया जाएगा। इसी तरह नए संसद भवन में सेंट्रल हॉल नहीं होगा। प्रत्येक सांसदों के लिए अलग से कमरा, लाइब्रेरी, मीटिंग हॉल व अन्य सभी चीजों की व्यवस्था होगी। सांसदों के बैठने के लिए 900 सीटें होंगी जबकि संयुक्त सत्र में 1,350 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसमें दो सांसदों के आराम से बैठने के लिए एक बैंच बनाई जाएगी।

चुनौती

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में दी गई थी चुनौती

बता दें कि केंद्र की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और विपक्ष ने भी इस पर सवाल उठाए थे। इसके बाद सरकार ने पुराने भवन में आ रही परेशानियों को बताते हुए निर्माण को सही ठराया था। सेंट्रल विस्टा नई दिल्ली के बीच तीन किलोमीटर लंबा क्षेत्र है, जो राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक जाता है। इसे दुनियाभर में बेहतरीन शहरी नियोजन और वास्तुकला के उदाहरण के रूप में जाना जाता है।