तय कार्यक्रम से पहले अगले हफ्ते खत्म होगा मानसून सत्र, सरकार और विपक्ष में बनी सहमति
क्या है खबर?
केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच संसद के मानसून सत्र को छोटा करने पर सहमति बन गई है और महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने के बाद इसे अगले हफ्ते के बीच में खत्म किया जा सकता है।
कई सांसदों के संक्रमित पाए जाने के बाद एहतियातन यह फैसला लिया गया है। मामले में अंतिम फैसला संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति पर छोड़ दिया गया है।
बता दें कि इससे पहले मार्च में भी संसदीय सत्र को छोटा किया गया था।
बैठक
शनिवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में बनी सहमति
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, मानसून सत्र को छोटा करने के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शनिवार को लोकसभा की कार्यवाही सलाहकार समिति की बैठक हुई।
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता वाली इस समिति में सभी पार्टियों के संसदीय नेता और सरकार के प्रतिनिधि शामिल हुए और इन सभी में सत्र को छोटा करने पर सहमति बनी।
सूत्रों के अनुसार, सभी महत्वपूर्ण विधेयक पारित करने के बाद सत्र को खत्म किया जाएगा।
रिपोर्ट
इन विधेयकों के पारित होने पर खत्म कर दिया जाएगा सत्र
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि लॉकडाउन के दौरान लाए गए 11 अध्यादेशों से जुड़े विधेयक दोनों सदनों में पारित होते ही सत्र को खत्म कर दिया जाएगा।
इनमें से कृषि क्षेत्र से जुड़े तीन विधेयक लोकसभा से पारित भी हो चुके हैं और आज ये राज्यसभा से भी पारित हो सकते हैं। वहीं सांसदों की सैलरी 30 प्रतिशत कम करने वाले अध्यादेश से संबंधित विधेयक भी दोनों सदनों में पारित हो चुका है।
कार्यवाही
1 अक्टूबर तक चलना था सत्र
14 सिंतबर से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र बिना किसी साप्ताहिक अवकाश के 1 अक्टूबर तक चलना था। हालांकि सत्र के दौरान 30 सांसदों के संक्रमित पाए जाने के बाद से ही इसके जारी रहने पर आशंकाओं के बादल छाए हुए थे।
बता दें कि राज्यसभा और लोकसभा के 785 सांसदों में से लगभग 200 की उम्र 65 साल से अधिक है और वे कोरोना वायरस से सबसे अधिक जोखिम वाले समूह में आते हैं।
नियमों में बदलाव
सांसदों, मीडियाकर्मियों और स्टाफ को रोजाना कराना होगा एंटीजन टेस्ट
बता दें कि सांसदों के संक्रमित पाए जाने के बाद सुरक्षा नियमों में बदलाव किया गया था। नए नियमों के मुताबिक, सभी सांसदों, मीडियाकर्मियों और संसदीय स्टाफ के लिए रोजाना एंटीजन टेस्ट कराना और मास्क पहनना अनिवार्य है।
वहीं चर्चा के दौरान मंत्रियों के साथ रहने वाले अधिकारियों को संसद आने के तीन दिन अंदर की नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट दिखानी होगी।
इसके अलावा पूर्व सांसदों, विधायकों, पारिवारिक सदस्यों और मेहमानों के संसद भवन में प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
जानकारी
जब चाहें तब टेस्ट करा सकते हैं सांसद
इसके अलावा दोनों सदनों के सांसद स्वैच्छिक तौर पर नियमित अंतराल पर RT-PCR टेस्ट करा सकते हैं। वहीं मीडियाकर्मियों के लिए प्रेस गैलरी में यह टेस्ट कराने का विकल्प है और इसकी रिपोर्ट 72 घंटे तक वैध मानी जाएगी।