
सऊदी अरब में भारतीय इंजीनियर को 10 साल की कैद, पैंगबर मोहम्मद पर टिप्पणी का आरोप
क्या है खबर?
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए एक भारतीय युवक को सऊदी अरब में 10 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
केरल के अलप्पुझा के रहने वाले विष्णु देव राधाकृष्णन ने अपनी महिला मित्र के साथ बातचीत में यह टिप्पणी की थी। मामला पिछले साल जून का है।
अब युवक के पिता ने सऊदी अरब के भारतीय दूतावास, विदेश मंत्रालय और सांसद शशि थरूर से उनके बेटे की रिहाई के लिए कदम उठाने की मांग की है।
सऊदी अदालत
उच्च अदालत ने 5 से 10 साल कर दी सजा
कृष्ण मैकेनिकल इंजीनियर है और पिछले 6 साल से सऊदी अरब में काम कर रहा है।
उसके पिता वी नायर राधाकृष्णन ने 21 साल तक भारतीय वायुसेना को अपनी सेवाएं दी हैं।
13 सितंबर, 2018 को विष्णु को पहले 5 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। लेकिन उच्च न्यायालय ने सजा को पर्याप्त नहीं पाया और इसे दोगुना कर दिया।
अदालत ने विष्णु पर 1,50,000 सऊदी रियाल (लगभग Rs. 28,50,000) का जुर्माना भी लगाया है।
ईशनिंदा
ये है पूरा मामला
ट्विटर पर विष्णु की दोस्ती लंदन की एक मुस्लिम महिला से हुई थी।
मैसेज पर बातचीत के दौरान महिला ने भारतीय सभ्यता और हिंदु देवी-देवताओं के बारे में कुछ टिप्पणी की तो विष्णु ने उससे पैगंबर मोहम्मद के बारे में कुछ सवाल पूछ लिए।
बातचीत विष्णु की कंपनी के सर्वर पर रिकॉर्ड हो गई, जिन्होंने इसका स्क्रीनशॉट लेते हुए पुलिस को थमा दिया।
विष्णु पर ईशनिंदा और सऊदी राज्य के खिलाफ सोशल मीडिया के जरिए मैसेज फैलाने का आरोप है।
बयान
'सजा से बचा सकती थी कंपनी'
पिता नायर ने बताया, "उसकी कंपनी गिरफ्तारी से 15-20 दिन पहले से सबकुछ जानती थी। कुछ ही दिन में केरल वापस भेजने की बात कह कर उसे हिरासत में रखा गया और बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।"
उन्होंने कहा कि कंपनी उसे सीधे भारतीय दूतावास के हवाले कर इस सजा से बचा सकती थी।
विष्णु ने सजा के खिलाफ अपील भी नहीं की क्योंकि उसे सलाह दी गई है कि ऐसा करने पर उसकी सजा और बढ़ सकती है।
रिहाई के प्रयास
पिता कर रहे हैं हरसंभव कोशिश
विष्णु ने अदालत में कहा कि वह उनके कानून का पालन करेगा और उम्र भर पैगंबर की प्रार्थना करेगा।
पिता नायर की उम्मीदें अब ईद-अल-फ़ित्र पर दी जाने वाली क्षमादाना याचिका पर हैं। उन्हें आशा है कि उनके बेटे को इस दौरान क्षमा मिल जाएगी।
वह सऊदी के मलयालमी संगठन 'नवयुगम' से भी लगातार संपर्क में हैं।
उन्होंने अपने बेटे की रिहाई की उम्मीद लिए अब विदेश मंत्रालय और तिरुवनंतपुरम के सांसद कांग्रेस नेता शशि थरूर को पत्र लिखा है।