#NewsBytesExplainer: भाजपा अध्यक्ष नड्डा की नई टीम का ऐलान; कैसे साधे गए चुनावी और जातिगत समीकरण?
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज केंद्रीय पदाधिकारियों की नई सूची जारी की है। पार्टी ने 13 नेताओं को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और 8 को राष्ट्रीय महामंत्री बनाया है। इस सूची में कुल 38 नाम हैं। इस साल 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिहाज से ये नियुक्तियां महत्वपूर्ण हैं। आइए समझते हैं कि भाजपा ने कैसे विभिन्न समुदायों को अपनी तरफ करने की कोशिश की है।
पसमांदा मुसलमानों को साधने की कोशिश
भाजपा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तारिक मंसूर को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। इसे पार्टी की पसमांदा मुसलमानों को साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। तारिक पसमांदा समाज से ही आते हैं। भाजपा ने तारिक को उपाध्यक्ष बनाकर शिक्षित मुस्लिम समाज, पसमांदा मुसलमान और उत्तर प्रदेश के मुस्लिमों, तीनों को एक साथ साधने की कोशिश की है। हाल ही में तारिक को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था।
दक्षिण भारत और मुसलमानों को साधेंगे अब्दुल्ला कुट्टी
भाजपा ने केरल से अब्दुल्ला कुट्टी को दोबारा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया है। खुद को विकासवादी सोच वाला मुस्लिम बताने वाले कुट्टी कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी में रहते हुए कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं। वे कह चुके हैं कि मुस्लिम समुदाय में भाजपा को लेकर बने पूर्वाग्रहों को बदलना उनका काम है। केरल से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी को भी राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया है।
चुनावी राज्यों पर भाजपा का फोकस
इस साल के अंत में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होना है। भाजपा ने इसे ध्यान में रखते हुए 3 बड़े राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़, का नियुक्तियों में खासा ख्याल रखा है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को उपाध्यक्ष बनाया गया है। छत्तीसगढ़ से 3 नेताओं को उपाध्यक्ष बनाया गया है। राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी 3-3 नेताओं को जगह मिली है।
मध्य प्रदेश से इन नेताओं को मिली जगह
मध्य प्रदेश से कैलाश विजयवर्गीय को तीसरी बार महामंत्री बनाया गया है। उनके अलावा सौदान सिंह और ओमप्रकाश धुर्वे को भी जगह मिली है। विजयवर्गीय को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया था और उन्हें चुनावी प्रबंधन में माहिर माना जाता है। मालवा-निमाड़ में उनकी खासी पकड़ है। धुर्वे को सूची में जगह देकर अनुसूचित जनजाति वर्ग को साधने की कोशिश की गई है। छत्तीसगढ़ के प्रभारी रहे और अनुभवी नेता सौदान को दोबारा सूची में जगह मिली है।
राजस्थान में राजे के सहारे भाजपा
राजस्थान से राजे, सुनील बंसल और अल्का गुर्जर को टीम में शामिल किया गया है। यहां भाजपा फिलहाल विपक्ष में है और किसी तरह सरकार में लौटने की कोशिश कर रही है। हालांकि, गुटबाजी के बावजूद राजे को टीम में शामिल किया जाना बता रहा है कि पार्टी उनका विकल्प नहीं तलाश पाई है। अल्का को कार्यकारिणी में जगह देकर भाजपा ने गुर्जर समाज को साधने का काम किया है।
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह को फिर मिली जगह
छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व में पिछले चुनावों में भाजपा को करारी हार मिली थी। तब से ही भाजपा यहां नया चेहरा तलाश रही है, लेकिन सूची में फिर से रमन को जगह मिली है। हालांकि, कई लोग मान रहे हैं कि उपाध्यक्ष बनाकर भाजपा उन्हें राज्य से दूर करना चाहती है। हाल ही में अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के बाद खबर आई थी कि पार्टी इस बार राज्य में प्रधानमंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न वर्गों को साधने की भी कोशिश
लोकसभा सीटों की संख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है। यहां की 80 लोकसभा सीटों को साधने के लिए 3 उपाध्यक्ष, एक महामंत्री और एक राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है। पार्टी के कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल भी उत्तर प्रदेश से ही हैं। लक्ष्मीकांत वाजपेयी और सुरेंद्र सिंह नागर के जरिए ब्राह्मण और गुर्जर वोटों को साधने की कोशिश की गई है। योगी आदित्यनाथ की सीट से विधायक रहे राधामोहन अग्रवाल को भी टीम में जगह मिली है।