कैबिनेट विस्तार: मंत्रियों और भाजपा अध्यक्ष के साथ प्रधानमंत्री मोदी की बैठक रद्द
क्या है खबर?
कैबिनेट में विस्तार की खबरों के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शीर्ष मंत्रियों और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ बैठक करने की खबरें आई थीं।
हालांकि NDTV के सूत्रों के अनुसार, अब इस बैठक को रद्द कर दिया गया।
इस बैठक में मंत्रियों के प्रदर्शन और भविष्य की योजनाओं के प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया जाना था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट का इसी हफ्ते विस्तार हो सकता है।
जानकारी
पहले भी समीक्षा बैठक कर चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने 20 जून को भी तमाम शीर्ष मंत्रियों के साथ बैठक की थी और इसमें उन्होंने कई मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा की थी। वे ऐसी कई बैठकें कर चुके हैं।
मंत्रालय
एक से अधिक मंत्रालय संभाल रहे हैं कई मंत्री
गौरतलब है कि केंद्रीय कैबिनेट में अधिकतम 81 सदस्य हो सकते हैं और अभी मोदी सरकार में महज 53 मंत्री हैं। फिलहाल प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, नितिन गडकरी, हर्षवर्धन, नरेंद्र सिंह तोमर, रवि शंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी और हरदीप सिंह पुरी ऐसे मंत्री हैं जिनके पास एक से अधिक मंत्रालय हैं।
इन मंत्रियों का भार कम करने के लिए कैबिनेट का प्रसार किया जा रहा है और ये मोदी सराकर के दूसरे कार्यकाल का पहला विस्तार होगा।
चुनाव
आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा विस्तार
अटकलें हैं कि कैबिनेट के विस्तार में अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव अहम भूमिका निभा सकते हैं और इन राज्यों के नेताओं को मंत्रीमंडल में जगह मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश से वरुण गांधी, रामशंकर कठारिया, रीता बहुगुणा जोशी और जफर इस्लाम को केंद्रीय मंत्रालय सौंपे जा सकते हैं। इनके अलावा राज्य में भाजपा के सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल को भी मंत्री पद दिया जा सकता है।
अटकलें
इन नामों का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय
कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को कैबिनेट में शामिल किया जाना तय माना जा रहा है। सिंधिया की बगावत के चलते मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिरी थी और वहां भाजपा दोबारा सत्ता में लौटने में कामयाब हुई थी। वहीं सोनोवाल ने हेमंत बिस्वा शर्मा के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ी थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय नेतृत्व उन्हें इसका इनाम दे सकता है।
बिहार
नीतीश कुमार की JDU भी हो सकती है कैबिनेट में शामिल
नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) भी इस बार कैबिनेट में शामिल हो सकती है। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपनी तरफ से किसे मंत्री बनाते हैं।
नीतीश के इशारे पर चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को तोड़ने वाले उनके चाचा पशुपति पारस को JDU के कोटे से मंत्री बनाए जाने की अटकलें हैं।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, वरिष्ठ नेता नारायण राणे और भूपेंद्र यादव को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।
मंत्रिमंडल विस्तार
इन नामों पर भी हो रही चर्चा
ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि भाजपा पश्चिम बंगाल से भी कुछ नेताओं को दिल्ली ला सकती है। जगन्नाथ सरकार और शांतनु ठाकुर आदि नेताओं के नाम मंत्रीपद की रेस में शामिल हैं।
इनके अलावा उत्तराखंड से अनिल बलूनी या अजय भट्ट, कर्नाटक से प्रताप सिन्हा, राजस्थान से राहुल कस्वां, हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, ओडिशा से अश्विनी वैष्णव, महाराष्ट्र में पूनम महाजन और दिल्ली से मीनाक्षी लेखी या प्रवेश वर्मा को मंत्री बनाया जा सकता है।
जानकारी
देवेंद्र फडणवीस के नाम पर पेच
कैबिनेट विस्तार में एक बड़ा पेच देवेंद्र फडणवीस को लेकर फंसा हुआ है। खबरें हैं कि महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के पुनर्मिलन को अंजाम देने के लिए फडणवीस को केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। इससे ठाकरे मुख्यमंत्री बने रह सकेंगे।