अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे अमरिंदर सिंह, क्या थामेंगे भाजपा का दामन?
पंजाब में पिछले काफी समय से चल रही राजनीतिक हलचल में मंगलवार को नया मोड़ आ गया। कांग्रेस आलाकमान की इच्छा के अनुसार राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह शाम को दिल्ली पहुंच रहे हैं। इस दौरान वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात करेंगे। इसको लेकर पंजाब की सियासत में खलबली मच गई है। उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं।
अमरिंदर सिंह ने 18 सितंबर को दिया था मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा
पंजाब कांग्रेस में खींचतान के बीच 18 सितंबर को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने साथ पूरी मंत्रिपरिषद का भी इस्तीफा सौंपा था। उसके बाद 20 सितंबर को चरणजीत चन्नी ने नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। सिंह के इस्तीफा देने के बाद से ही उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे और अब उनकी अमित शाह से मुलाकात की खबरों ने कयासों को जोर दे दिया है।
अमरिंदर सिंह ने कही थी अपमानित महसूस करने की बात
इस्तीफे के बाद अमरिंद सिंह ने कहा था कि उन्होंने पहले ही इस्तीफा देने का फैसला करते हुए सोनिया गांधी को भी अवगत करा दिया था। वह यहां अपमानित महसूस कर रहा हैं। अब कांग्रेस को जिस पर भरोसा होगा उसे मुख्यमंत्री बना लेगी। उन्होंने आगे कहा था कि भविष्य की राजनीति पर विकल्प खुला है और वह जल्दी ही इस पर फैसला लेंगे। वह अपने लोगों से बात करने के बाद अपने भविष्य को लेकर कोई फैसला करेंगे।
अमरिंदर सिंह की टीम ने दौरे को बताया निजी
भले ही अमरिंदर सिंह के दिल्ली दौरे पर गृहमंत्री अमित शाह और नड्डा से मिलने की संभावना है, लेकिन उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने इसे पूरी तरह से निजी दौरा करार दिया है। उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह की दिल्ली यात्रा के बारे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन वह निजी यात्रा पर हैं। वह कुछ दोस्तों से मिलेंगे और नए मुख्यमंत्री के लिए कपूरथला आवास भी खाली करेंगे। अनावश्यक अटकलों की जरूरत नहीं है।
अनिल विज ने दिया था भाजपा में आने का न्योता
अमरिंदर सिंह के पंजाब मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद भाजपा नेता और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने उन्हें राष्ट्रवादी करार दिया था। इसके साथ ही उन्हें भाजपा में आने का न्योता भी दिया था। उस दौरान अनिल विज ने लिखा था, 'राष्ट्रवादी कैप्टन अमरिंदर सिंह उनके रास्ते में बाधा थे, इसलिए उन्हें राजनीतिक रूप से मार दिया गया। पंजाब में सभी राष्ट्रवादी ताकतों को कांग्रेस के गलत मंसूबों को नाकाम करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।'
पंजाब कैबिनेट में नहीं मिली अमरिंदर सिंह के पांच करीबियों को जगह
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने रविवार को राज्य मंत्रिपरिषद का पहला विस्तार किया। इसमें 15 कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किया गया, जिसमें सात नए चेहरे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के पांच वफादार विधायकों को इसमें जगह नहीं दी गई है। मंत्रिपरिषद विस्तार पर कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा था कि यह कवायद युवा चेहरों को लाने और सामाजिक तथा क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए किया गया है।