राजस्थान: कांग्रेस विधायकों के सरकार गिराने की कोशिशों के आरोपों पर भाजपा का पलटवार
कुछ दिनों के ठहराव के बाद अब एक बार फिर राजस्थान की राजनीति में हलचल शुरू होती दिख रही है। हाल ही में 20 से अधिक कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया था कि भाजपा गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश में जुटी हुई है। इसके एक दिन बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस कोरोना वायरस संकट से निपटनेे में असफल रही है और अब वह ध्यान भटकाने के लिए उस पर आरोप लगा रही है।
भाजपा के प्रदेश प्रमुख ने कही यह बात
भाजपा के राजस्थान प्रमुख सतीश पूनिया ने कहा, "कोरोना संकट से निपटने और हर मोर्चे पर असफल रहने के बाद कांग्रेस अब लोगों को ध्यान हटाने के लिए हम पर आरोप लगा रही है। यह असल में पार्टी की आंतरिक कलह को दर्शाता कि कैसे कांग्रेस अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं कर रही है।" दरअसल, शुक्रवार को 24 कांग्रेस विधायकों ने भाजपा पर पैसे के दम पर गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश का आरोप लगया था।
कांग्रेस विधायकों ने जारी किया था संयुक्त बयान
विधायकों ने संयुक्त बयान में कहा, "हमारे पास पुख्ता जानकारी है कि भाजपा के शीर्ष नेता इस साजिश में शामिल हैं, जो कांग्रेस विधायकों से संपर्क कर उन्हें लालच दे रहे हैं। राज्य में कांग्रेस और सरकार को समर्थन दे रहे विधायक भाजपा को उसकी कोशिश में सफल नहीं होने देंगे।" राज्यसभा चुनावों का संदर्भ देते हुए विधायकों ने कहा कि कांग्रेस, निर्दलीय और दूसरी पार्टी के विधायकों की एकजुटता ने भाजपा की कोशिशों पर पानी फेर दिया था।
बयान देने वालों में पायलट खेमे के विधायक भी शामिल
इन विधायकों ने कांग्रेस सरकार में अपना भरोसा जताते हुए कहा की गहलोत सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और 2023 में चुनाव जीतकर फिर सत्ता में आएगी। संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में लखन सिंह मीणा, जोगिंद्र सिंह अवाना, मुकेश भाकर, वेदप्रकाश सोलंकी, हरीश मीणा, प्रशांत बैरवा, अशोक बैरवा और शकुंतला रावत आदि शामिल हैं। इनमें से कुछ विधायक उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे के माने जाते हैं।
कांग्रेस ने पहले भी लगाया था भाजपा पर आरोप
यह पहली बार नहीं जब कांग्रेस ने भाजपा पर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास लगाया है। पिछले महीने हुए राज्यसभा चुनाव से पहले राजस्थान विधानसभा में सरकार के मुख्य व्हिप महेश जोशी ने भ्रष्टाचार-रोधी ब्यूरो को पत्र लिखकर कहा था कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश और गुजरात की तरह भाजपा कांग्रेस के विधायक और सरकार को समर्थन करने वाले विधायकों को लालच देकर लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई गहलोत सरकार क अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।
राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस के हाथ आई थी दो सीटें
राज्यसभा चुनावों में राजस्थान की तीन सीटों में से दो पर कांग्रेस ने जीत हासिल की जबकि एक सीट भाजपा के खाते में गई है। चुनावों के बाद सचिन पायलट ने कहा था कि कांग्रेस के उम्मीदवारों को उम्मीद के मुताबिक वोट मिले थे।
मध्य प्रदेश में गिरी थी कांग्रेस सरकार
याद दिला दें कि बीते मार्च महीने में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बागी होने के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई थी। कमलनाथ से मतभेदों के चलते सिंधिया और उनके खेमे वाले कई विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थामा था। कांग्रेस सरकार गिरने के बाद शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। वहीं सिंधिया को भाजपा ने राज्यसभा की टिकट दी। चुनाव जीतकर सिंधिया राज्यसभा सांसद बन गए हैं।