संसदीय समिति में PM-CARES फंड पर चर्चा को तैयार नहीं भाजपा
क्या है खबर?
देश की सबसे महत्वपूर्ण संसदीय समितियों में से एक लोक लेखा समिति (PAC) कोरोना वायरस के खिलाफ केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया और PM-CARES फंड पर जांच-पड़ताल नहीं कर पाएगी।
दरअसल, भाजपा नेता इस पक्ष में नहीं हैं और वो नहीं चाहते कि PAC में इन मुद्दों पर चर्चा हो।
जानकारी के लिए बता दें कि पहले इस समिति में 2G घोटाले समेत कई बड़े मुद्दों पर बात हुई है, लेकिन इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा।
जानकारी
एक हफ्ते में आ गया था 6,000 करोड़ का दान
ट्रस्ट बनने के एक सप्ताह बाद ही इसमें 6,500 करोड़ रुपये का दान आ गया था। इसमें सबसे ज्यादा दान देने वाले वालों में टाटा समूह (500 करोड़) आदित्य बिरला ग्रुप (400 करोड़ रुपये) रिलायंस इंडस्ट्रीज (500 करोड़) और अडाणी समूह (100 करोड़) शामिल हैं।
PM-CARES फंड
क्या है PM-CARES फंड?
केंद्र सरकार ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए 28 मार्च, 2020 को प्राइम मिनिस्टर्स सिटीजन असिस्टेंस एंड रिलीफ इन इमरजेंसी सिचुएशन फंड (PM-CARES फंड) का गठन किया था।
गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाले इस ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं।
इस फंड में दान देने पर टैक्स में छूट मिलती है और यह कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत आता है।
सवाल
पारदर्शिता को लेकर उठ रहे हैं फंड पर सवाल
फंड के गठन के बाद से पारदर्शिता को लेकर इस पर कई सवाल उठ रहे हैं।
PAC के प्रमुख और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने समिति के सदस्यों को किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले देश के हित में सोचने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ सरकार की प्रतिक्रिया और PM-CARES फंड की जांच होनी चाहिए, लेकिन भाजपा नेता इससे सहमत नहीं हैं।
प्रस्ताव
भाजपा नेताओं ने दी यह दलील
समिति में भाजपा के सदस्यों ने वरिष्ठ नेता भूपेंद्र यादव की अगुवाई में चौधरी के प्रस्ताव के खिलाफ मोर्चा बनाया। बीजू जनता दल के भृतहरि महताब ने उनका समर्थन करते हुए प्रस्ताव के खिलाफ आवाज उठाई।
भाजपा का कहना है कि कि PM-CARES फंड में आने वाली फंडिंग को संसद से मंजूरी नहीं दी गई है इसलिए संसदीय समिति को इसकी जांच नहीं करनी चाहिए।
NDTV के मुताबिक, DMK नेता टीआर बालू प्रस्ताव पर चौधरी के समर्थन में थे।
नियम
CAG भी नहीं कर सकती फंड की जांच
विपक्षी नेताओं का कहना है कि भाजपा PM-CARES फंड की जांच से डर रही है। बता दें कि यह फंड नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के अधिकार क्षेत्र में भी नहीं आता। सरकार ने कहा था कि 'स्वंंतत्र ऑडिटर' फंड को ऑडिट करेंगे।
वहीं सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में भी इस फंड का बचाव किया है। एक सुनवाई के दौरान केंद्र ने दलील दी कि पहले से पहले से मौजूद फंड के कारण नए फंड को रोका नहीं जा सकता।