सोनिया गांधी का बड़ा ऐलान, प्रवासी मजदूरों की रेल यात्रा का खर्च उठाएगी कांग्रेस
देश में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासियों को केंद्र सरकार ने अब स्पेशल ट्रेनों के जरिए गृहनगर पहुंचाना शुरू कर दिया है। हालांकि, रेलवे की ओर से संबंधित राज्य सरकारों से इन मजदूरों की यात्रा का खर्च वसूला जा रहा है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस पर नाराजगी जताते हुए सोमवार को मजदूरों की यात्रा का खर्च कांग्रेस द्वारा उठाने का ऐलान किया है।
केंद्र सरकार ने दिए थे किराया लेने के आदेश
बता दें कि लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजूदरों को उनके घर पहुंचने के लिए चलाई गई स्पेशल ट्रेनों में किराया वसूलने का आदेश दिया था। यह किराया संबंधित राज्य सरकारों को देना था। रेलवे की ओर से प्रत्येक मजदूर का 30 रुपये नियमित स्लिपर किराया और 20 रुपये सुपरफास्ट और अन्य सुविधाओं का खर्च शामिल किया था। इसके अलावा ट्रेनों में जिला अधिकारियों द्वारा स्वीकृत लोगों को ही प्रवेश देने के लिए कहा था।
सोनिया गांधी ने बताई 1947 के बटवारे के बाद की सबसे बड़ी त्रासदी
सोनिया गांधी ने स्टेटमेंट में लिखा, 'श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हड्डी हैं। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉकडाऊन करने के कारण लाखों श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए।' उन्होंने लिखा, 'यह 1947 के बंटवारे के बाद देश में सबसे बड़ी त्रासदी है। इससे हजारों मजदूरों को बिना भोजन, पानी और दवा के सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी के लिए मजबूर होना पड़ा।'
सोनिया ने सरकार के समक्ष खड़े किए सवाल
सोनिया गांधी ने सरकार के सामने कई सवाल भी खड़े किए। उन्होंने लिखा, 'श्रमिक व कामगार राष्ट्रनिर्माण के दूत हैं। जब हम विदेशों में फंसे भारतीयों को हवाई जहाजों से निशुल्क वापस ला सकते हैं, जब हम गुजरात के केवल एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ रुपये खर्च कर सकते हैं, जब रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री के कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपये दे सकता है, तो फिर मजदूरों को फिर रेल यात्रा क्यों नहीं दी जा सकती?'
कांग्रेस की मांग को सरकार ने किया अनसुना- सोनिया
सोनिया गांधी ने आगे लिखा, 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मेहनतकश श्रमिकों व कामगारों की इस निशुल्क रेलयात्रा की मांग को बार बार उठाया है। दुर्भाग्य से न सरकार ने एक सुनी और न ही रेल मंत्रालय ने। ऐसे में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी और इसके लिए आवश्यक कदम उठाएगी।'
यहां सोनिया गांधी की पूरी स्टेटमेंट
राहुल गांधी ने सरकार पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था, 'एक तरफ रेलवे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों से किराय वसूल रही है, वहीं दूसरी तरफ रेल मंत्रालय प्रधानमंत्री राहत कोष में 151 करोड़ रुपए का चंदा दे रहा है। जरा ये गुत्थी सुलझाइए!'
कांग्रेस कोषाध्यक्ष ने राज्य इकाइयों को दिए संसाधान जुटाने के निर्देश
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने सभी राज्य इकाइयों को सभी आवश्यक संसाधनों को जुटाने के निर्देश दिए हैं। पटेल ने ट्वीट किया कि कांग्रेस अध्यक्ष के ऐलान के बाद वह कांग्रेस की सभी प्रदेश इकाइयों से प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए आवश्यक टिकट खरीदने सहित अन्य सुविधा मुहैया करने के लिए सभी संसाधन जुटाने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि अब इस इसे लोगों के आंदोलन के रुप में बदलने का समय आ गया है।
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिया जवाब
सोनिया गांधी के ट्वीट करने के बाद भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर जवाब दिया कि सरकार इस मामले में पूरा स्पष्टीकरण जारी करेगी। उन्होंने दावा किया कि यात्रा की लागत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा वहन की जाएगी। रेल मंत्री पीयूष गोयल कार्यालय से बात की गई है। केंद्र सरकार 85% और राज्य सरकार 15% का खर्च वहन करेगी। प्रवासी मजदूरों पर इसका कोई भार नहीं आएगा। रेल मंत्रालय इसे स्पष्ट करेगा।