शराब घोटाले के सरकारी गवाह ने भाजपा को दिया करोड़ों का चंदा, AAP ने उठाए सवाल
शराब नीति घोटाले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है। अब इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा पर कई आरोप लगाए हैं। AAP का कहना है कि मामले में सरकारी गवाह बने पी शरथ चंद्र रेड्डी की कंपनी ने चुनावी बॉन्ड के जरिए भाजपा को बड़ी राशि दी है। AAP ने इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा है।
क्या है मामला?
दरअसल, रेड्डी की कंपनी अरबिंदो फार्मा ने अप्रैल, 2021 से नवंबर, 2023 तक 52 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे। आंकड़े बताते हैं कि इनमें से 66 प्रतिशत बॉन्ड भाजपा, 29 प्रतिशत भारत राष्ट्र समिति (BRS) और बाकी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने भुनाए थे। अगर रेड्डी से जुड़ी 3 और कंपनियों को शामिल किया जाए तो यह आंकड़ा और बढ़ जाता है। शराब नीति लागू होने के बाद रेड्डी को दिल्ली में कुछ शराब की दुकानें आवंटित हुई थीं।
रेड्डी गिरफ्तार हुए, बाद में सरकारी गवाह बन गए
शराब नीति मामले में ही ED ने 10 नवंबर, 2022 को रेड्डी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके 5 दिन बाद ही उनकी कंपनी ने 5 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे, जो भाजपा को मिले। इसके एक साल बाद ED ने न सिर्फ रेड्डी को माफी दे दी, बल्कि वो सरकारी गवाह बन गए। AAP के मुताबिक, गिरफ्तारी के वक्त रेड्डी दावा कर रहे थे कि वे केजरीवाल से कभी नहीं मिले, लेकिन बाद में अपने बयान से पलट गए।
AAP ने उठाए सवाल
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा और रेड्डी के संबंधों पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा इस बात पर चुप क्यों है कि उसे अरबिंदो फार्मा के मालिक रेड्डी से चंदा क्यों मिल रहा है। उन्होंने कहा, "हम 3 प्रमुख प्रश्न उठाना चाहते हैं- रेड्डी और भाजपा के बीच क्या संबंध है? भाजपा से कौन उनसे मिला और क्या बातचीत हुई? और ED को रेड्डी से धन प्राप्त करने के बारे में सूचित क्यों नहीं किया गया?"
भाजपा ने रेड्डी को दबाव में सरकारी गवाह बनाया- AAP
AAP के वरिष्ठ नेता जैस्मीन शाह ने कहा, "रेड्डी शराब नीति मामले के मुख्य आरोपी हैं। रेड्डी को मामले में सरकारी गवाह बनाने के लिए उन्हें 6 महीने तक जेल में रखा गया, जिसके बाद उन्होंने अपना बयान बदल दिया। भाजपा ने दबाव में न केवल उन्हें सरकारी गवाह बनाया, बल्कि उनसे करोड़ों रुपये भी लिए।" दिल्ली की मंत्री आतिशी ने भी एक दिन पहले इसी तरह के आरोप लगाए थे।
क्या है शराब नीति मामला?
21 मार्च को ED ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था। ED का आरोप है कि केजरीवाल इस घोटाले के मुख्य सरगना हैं और घोटाले से मिली राशि का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनावों में किया गया है। इससे पहले ED ने केजरीवाल को कई बार समन जारी किए थे, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए। बता दें कि इसी मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल में बंद हैं।