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बस मार्शलों की बर्खास्तगी: उपराज्यपाल के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार
केजरीवाल सरकार ने उपराज्यपाल के मार्शलों की बर्खास्तगी आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है

बस मार्शलों की बर्खास्तगी: उपराज्यपाल के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंची दिल्ली सरकार

लेखन नवीन
Feb 14, 2024
03:09 pm

क्या है खबर?

दिल्ली सरकार ने परिवहन निगम की बसों में तैनात मार्शलों की सेवाओं को समाप्त करने के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सरकार ने बुधवार को कोर्ट में दायर याचिका में नागरिक सुरक्षा निदेशालय के अक्टूबर, 2023 के आदेश को रद्द करने की मांग की है। इसी आदेश के जरिए बसों में तैनात मार्शलों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया था।

याचिका

सरकार ने कोर्ट से होम गार्ड की समयबद्ध तैनाती का किया अनुरोध

दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में गृह विभाग को समयबद्ध तरीके से बस मार्शल के रूप में पर्याप्त संख्या में होम गार्ड तैनात करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि महिलाओं और बच्चों की सार्वजनिक सुरक्षा के लिए 4,391 DTC बसों और 2,841 क्लस्टर बसों सहित राजधानी की सड़कों पर चलने वाली 7,232 बसों के लिए योजना जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।

सरकार

महिलाओं की सुरक्षा में सुधार करना है योजना का उद्देश्य- सरकार 

सरकार का तर्क है कि बस मार्शल योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सार्वजनिक बसों में महिलाओं की सुरक्षा में सुधार करना है और 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार और हत्या जैसी घटनाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराधों को देखते हुए इस योजना की आवश्यकता थी। सरकार ने कहा कि ये योजना 2015 से अप्रैल 2023 तक सुचारू रूप से संचालित हुई, लेकिन फिर नागरिक सुरक्षा अधिनियम, 1968 की आड़ लेकर योजना पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

तर्क

सरकार ने कहा- सेवाओं को समाप्त करने का आदेश अवैध 

सरकार ने कहा कि राजस्व विभाग ने बस मार्शलों के रूप में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सेवाओं को समाप्त करने के लिए एक अनाधिकृत और अवैध आदेश जारी किया। सरकार का आरोप है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना वैकल्पिक व्यवस्था होने तक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को बस मार्शल के रूप में जारी रखने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने में विफल रहे हैं। सरकार ने कहा कि अधिकारियों के कुप्रबंधन से महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा से समझौता किया गया।

आदेश

उपराज्यपाल ने सेवा समाप्ति के प्रस्ताव को दी थी मंजूरी 

दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल ने 27 अक्टूबर, 2023 को एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसमें 1 नवंबर से सभी नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की सेवाएं समाप्त करने की घोषणा की थी। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार को उन नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भर्ती पर विचार करने का भी निर्देश दिया था, जिनकी सेवाएं होम गार्ड के रूप में समाप्त कर दी गई थीं। मामले में सरकार ने सुप्रीम कोर्ट रुख भी किया था, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया।

आवेदन

दिल्ली सरकार ने बस मार्शलों की भर्ती के निकाले आवेदन 

23 जनवरी, 2024 को दिल्ली सरकार ने नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के स्थान पर बस मार्शलों की भर्ती के लिए एक विज्ञापन दिया था और आवेदन के लिए अंतिम तारीख 13 फरवरी थी और होम गार्ड ही इसके लिए आवेदन कर सकते थे।