संजय सिंह को बड़ा झटका, गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका हाई कोर्ट ने खारिज की
दिल्ली शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने संजय की गिरफ्तारी से रोक की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कल कोर्ट ने संजय की याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि संजय को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।
कोर्ट ने कहा- कानून सबके लिए समान
कोर्ट ने कहा कि कानून सबके लिए बराबर है, चाहे वह नेता हो या आम नागरिक। जज जस्टिस स्वर्णकांता ने कहा, "संजय सिंह की गिरफ्तारी कानून के नियमों के मुताबिक है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक प्रमुख जांच एजेंसी है और इसमें राजनीतिक उद्देश्यों को शामिल करने से देश की छवि पर असर पड़ सकता है।" कोर्ट ने संजय की उस दलील को भी खारिज किया, जिसमें उन्होंने गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक दुर्भावना को वजह बताया था।
ED ने किया था याचिका विरोध
ED ने संजय की याचिका का विरोध किया था। ED की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता (ASG) एसवी राजू ने कहा था कि संजय को कानून का उचित तरीके से अनुपालन करते हुए गिरफ्तार किया गया और उनकी याचिका विचारणीय नहीं है। राजू ने कहा था, "सिंह न्यायिक हिरासत में हैं, ऐसे में उनकी याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। यह ऐसा मामला नहीं हैं, जिसमें गिरफ्तारी के लिए लिखित वजह न बताई गई हो।"
संजय सिंह पर क्या आरोप हैं?
ED के आरोप पत्र के मुताबिक, ,सिंह ने शराब घोटाले के आरोपी व्यापारी दिनेश अरोड़ा से मुलाकात की थी। ED ने बताया कि सिंह के जरिए ही दिनेश मनीष सिसोदिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे। आरोप है कि सिंह ने दिनेश को कई रेस्तरां मालिकों से बात करने को कहा, जिनसे दिल्ली में आगामी चुनावों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए 82 लाख रुपये की व्यवस्था की गई।
4 अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए थे सिंह
4 अक्टूबर को ED ने सिंह को गिरफ्तार किया था। वे इस मामले में गिरफ्तार होने वाले AAP के दूसरे बड़े नेता हैं। सिसोदिया पहले से जेल में बंद हैं। कोर्ट ने सिंह को पहले 5 दिन और फिर 3 दिन की ED रिमांड पर भेजा था। उनकी गिरफ्तारी के विरोध में AAP कार्यकर्ताओं ने विरोध-प्रदर्शन किया था। गिरफ्तारी से पहले ED ने करीब 10 घंटे तक सिंह के घर की तलाशी ली थी।
क्या है नई शराब नीति का मामला?
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई शराब नीति लागू की थी। इसके तहत शराब के ठेकों को निजी हाथों में सौंपा जाना था और 32 जोन में 849 दुकानें खुलनी थीं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस नीति में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए CBI जांच की सिफारिश की थी। जुलाई, 2022 में सरकार ने इस नीति को रद्द कर दिया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में सिसोदिया समेत अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की थी।