नीतीश कुमार ने मुस्लिमों को किया भाजपा और AIMIM से सतर्क, कहा- बिगाड़ सकते हैं माहौल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सोमवार को पटना स्थित अपने आवास पर मुस्लिम समुदाय के नेताओं और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की। इसमें नीतीश ने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करेंगी और मुसलमानों को उनसे सतर्क रहने की आवश्यकता है। जनता दल युनाइडेड (JDU) के मुस्लिम नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
भाजपा बिगाड़ सकती है सांप्रदायिक सद्भाव- नीतीश
इंडिया टुडे के मुताबिक, मुख्यमंत्री नीतीश ने बैठक में 2024 के चुनावों से पहले भाजपा के सक्रिय होने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश करने की आशंका जताई। उन्होंने मुस्लिम बुद्धिजीवियों से विभाजनकारी ताकतों से सतर्क पर रहने की अपील की। बतौर रिपोर्ट्स, नीतीश ने बताया कि उनकी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में मुसलमानों के उद्धार और विकास के लिए काफी काम किया है।
नीतीश ने AIMIM को बताया 'भाजपा की बी टीम'
नीतीश ने बैठक में AIMIM को भाजपा की बी टीम बताते हुए उससे भी सावधान रहने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य कई नेताओं ने 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने के लिए अभद्र टिप्पणियों का इस्तेमाल किया था जिसके कारण मुस्लिम वोटों का विभाजन हुआ था और JDU को नुकसान हुआ।
AIMIM ने विधानसभा चुनाव में उतारे थे कई उम्मीदवार
बता दें कि AIMIM ने 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल क्षेत्र में कई उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था जिसके चलते राज्य में मुस्लिम वोटों का विभाजन हो गया था। नीतीश की चेतावनी इसी को लेकर थी। उनका मकसद मुस्लिम वोटरों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करना है ताकि उनके वोट बंटे नहीं क्योंकि विभाजित मुस्लिम वोट लोकसभा चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है।
विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं नीतीश
नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पिछले साल सितंबर में दिल्ली में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार और जनता दल सेक्युलर (JDS) प्रमुख एचडी कुमारस्वामी समेत अन्य कई नेताओं के साथ मुलाकात की थी। ये अटकलें भी रही हैं कि नीतीश आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार हो सकते हैं।