बिहार: तीन भाई-बहन एक साथ बने सरकारी अधिकारी, पहले प्रयास में पास की न्यायिक सेवा परीक्षा
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 31वीं न्यायिक सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम सोमवार देर रात जारी कर दिए। इस परीक्षा में दरभंगा जिले के एक परिवार के तीन भाई-बहनों ने सफलता हासिल की है। नतीजे आने के बाद से परिवार और इलाके में खुशी का माहौल है। दरभंगा के इन तीन भाई-बहनों की सफलता की कहानी की चर्चा वहां के हर इलाके में हो रही है। आइए जानते हैं कि कि कैसे इन तीनों ने ये सफलता हासिल की।
शिप्रा, नेहा और अनंत ने एक ही यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई
दरभंगा की दो सगी बहन कुमारी शिप्रा और नेहा कुमारी ने इस न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की है। वहीं, उनके चचेरे भाई अनंत कुमार ने भी इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। बता दें कि बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले तीनों उम्मीदवारों ने पटना स्थित चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से मास्टर आफ लॉ (LLM) की पढ़ाई की है।
भाई-बहनों को चाचा से मिली प्रेरणा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिप्रा और नेहा के पिता दरभंगा में पुलिस इंस्पेक्टर पद से रिटायर्ड हैं। वहीं, अनंत के पिता पेशे से शिक्षक हैं। इन तीनों उम्मीदवारों को सफलता की प्रेरणा उनके चाचा उदय लाल देव से मिली। बता दें कि लाल देव दरभंगा कोर्ट में वकालत करते हैं और उन्होंने ही इन सभी को न्यायिक सेवा परीक्षा के बारे में जानकारी दी थी जिसके बाद वे इस परीक्षा की तैयारी में जुट गए।
असफलता से निराश न हों, निरंतर प्रयास करते रहें- शिप्रा
तीनों का कहना है कि उनके चाचा के मार्गदर्शन का ही नतीजा है कि वह सफल हो पाए। ईटीवी भारत से बात करते हुए शिप्रा कहती हैं कि कभी भी असफलता से निराश नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमेशा निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। एक ना एक दिन सफलता जरूर मिलेगी, क्योंकि अच्छी चीज थोड़ी देर से ही मिलती है। उसके लिए सब्र सबसे ज्यादा जरूरी चीज है।"
न्यायिक सेवा परीक्षा में 214 अभ्यर्थियों को मिली सफलता
BPSC के सचिव अमरेंद्र कुमार के अनुसार मुख्य परीक्षा में 688 उम्मीदवार सफल हुए थे, जिसमें कुल 214 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। इस परीक्षा में रांची की भावना नंदा टॉपर बनी हैं जबकि दूसरे स्थान पर मध्य प्रदेश के दिव्यांशु गुप्ता हैं। तीसरे स्थान पर बिहार के मोतिहारी के रहने वाले राघव कुमार, चौथे स्थान पर मधुबनी की स्नेहा मिश्रा हैं जबकि पांचवें स्थान पर मधेपुरा की पायल मिश्रा ने सफलता हासिल की है।
न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए टॉपर भावना ने बताई रणनीति
बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा की टॉपर भावना का कहना है कि वे भविष्य में जन-जन के अधिकार को न्याय दिलाने का प्रयास करेंगी। दैनिक भास्कर से बात करते हुए वह कहती हैं कि उन्होंने पढ़ाई के लिए घंटे कभी नहीं जोड़े। उन्होंने कहा, "मैं रात में ही प्लान बना लेती थी कि सुबह या दूसरे दिन क्या-क्या पढ़ना है। मैं 15 दिनों का प्लान बना लेती थी।"