#NewsBytesExplainer: क्या एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर एक ही हैं? जानिए
अब चिकित्सा क्षेत्र में कई बीमारियों का इलाज संभव है। इसके लिए कई लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं तो कुछ योगाभ्यास को लाभदायक मानते हैं। इन सबके अलावा शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए लोग एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर को भी चुन रहे हैं। कई लोगों को लगता है कि ये दोनों थेरेपी एक ही हैं, जबकि ऐसा नहीं है। आइए आज हम आपको एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर के बीच का अंतर और अन्य महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
क्या है एक्यूप्रेशर?
एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल शरीर के कुछ विशेष बिंदुओं को दबाकर किया जाता है। उन्हीं बिंदुओं को एक्यूपॉइंट कहा जाता है। एक्यूपॉइंट को दबाने से शरीर के स्ट्रेस हार्मोन के साथ-साथ अन्य जरूरी हार्मोन को नियंत्रित किया जा सकता है, जो थकावट और दर्द से निजात दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसके अलावा एक्यूपॉइंट को दबाने से ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार होता है।
एक्यूपंक्चर में क्या होता है?
एक्यूपंक्चर के दौरान शारीरिक दर्द और बीमारियों का इलाज प्रभावित जगह पर बारीक सुइयां चुभाकर किया जाता है। इसमें इंजेक्शन लेने जितना दर्द नहीं होता क्योंकि इंजेक्शन और एक्यूपंक्चर की सुई में काफी अंतर होता है। इसके लिए किसी अनुभवी एक्यूपंक्चरिस्ट को ही चुनें ताकि वह सही तरीके से आपकी तकलीफ को समझकर उसी के अनुसार शरीर के विशिष्ट बिंदुओं में कीटाणुरहित सुइयों के जरिए इलाज करे।
एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर में क्या अंतर होता है?
एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर के पीछे का विज्ञान एक ही है क्योंकि इन दोनों चिकित्सक विधि के दौरान शरीर के कुछ बिंदुओं पर दबाव डाला जाता है। हालांकि, इन दोनों के इलाज का तरीका बिल्कुल अलग है। एक्यूपंक्चर में जहां शरीर में सुइयां चुभाकर इलाज किया जाता है, वहीं एक्यूप्रेशर में उंगलियों द्वारा निश्चित प्वाइंट पर दबाव डाला जाता है। एक्यूप्रेशर चिकित्सा विधि एक्यूपंक्चर से बहुत पुरानी है।
ये थेरेपी विज्ञान आधारित है या आयुर्वेद से जुड़ी हैं?
ये दोनों ही थेरेपी विज्ञान आधारित है, जिसे बतौर वैकल्पिक चिकित्सा उपचार के अंतर्गत इस्तेमाल किया जाता है। ये चीनी चिकित्सक विधियां हैं, जो Qi के प्रवाह को ठीक कर कई बीमारियों के लिए उपचार का काम कर सकती हैं। बता दें कि ऊर्जा या 'प्राणशक्ति' शरीर के अंदर एक नली के माध्यम से बहती है, जिसे 'Qi' नाम से जाना जाता है और जब 'Qi' शरीर में ढंग से नहीं बहती है तब बीमारियां होती हैं।
एक्यूप्रेशर थेरेपी आजमाने से पहले इन बातों का रखें खास ध्यान
आप चाहें तो एक्यूप्रेशर थेरेपी खुद भी कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको शरीर में मौजूद एक्यूपॉइंट के बारे में सही जानकारी होना जरूरी है। प्रत्येक एक्यूपॉइंट पर मालिश और दबाव डालकर भी इस थेरेपी को सक्रीय बनाया जा सकता है। एक्यूपॉइंट की मालिश करवाते समय हमेशा शांत और सामान्य रूप से सांस लेते रहना जरूरी है। अगर आपको एक्यूपॉइंट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है तो आप किसी ट्रेनर की मदद लें।
एक्यूपंक्चर करवाने से पहले किन-किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है?
एक्यूपंक्चर सेशन से पहले आपका हाइड्रेट और सकारात्मक रहना महत्वपूर्ण है। जब भी आप एक्यूपंक्चरिस्ट के पास जाएं तो टाइट कपड़े न पहनें ताकि सुइयां लगाने में कोई दिक्कत न हो। इसके अलावा एक्यूपंक्चर सेशन लेने के बाद व्यक्ति के लिए एक्यूपंक्चरिस्ट की सलाह को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। साथ ही अगर सुईयों के कारण सूजन आ गई है तो प्रभावित हिस्से पर बर्फ की सिकाई करें। यहां जानिए घर पर आइसपैक बनाने के तरीके।
दोनों में से किस थेरेपी को चुनना है सही?
एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर, दोनों ही काफी असरदार थेरेपी हैं और यह आपका व्यक्तिगत फैसला है कि आप किसे चुनते हैं। हालांकि, अगर आपको धातु से एलर्जी है या सुई लगवाने वाली जगह पर संक्रमण है तो आमतौर पर एक्यूपंक्चर की सलाह नहीं दी जाती है क्योंकि इससे आपकी समस्या और बढ़ सकती है। साथ ही अगर आप खून पतला करने की दवाइयां ले रहे हैं तो इसके बारे में एक्यूपंक्चरिस्ट को जरूर बताएं।