#NewsBytesExplainer: हमास ने कैसे रची इजरायल पर बड़े हमले की साजिश और कौन है इसका मास्टरमाइंड?
इजरायल जैसे शक्तिशाली देश पर हमास के हमले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। इस हमले का मास्टरमाइंड हमास की सैन्य शाखा का प्रमुख मोहम्मद डायफ है। डायफ ने इस हमले को 'अल-अक्सा फ्लड' नाम दिया था। इसमें हमास के गाजा प्रमुख येह्या सिनवार ने उसका साथ दिया। आइए विस्तार से जानते हैं कि इस हमले की साजिश कैसे रची गई और इसको अंजाम देने वाला डायफ कौन है।
2021 में अल-अक्सा मस्जिद पर इजरायल के हमले के बाद शुरू हुई साजिश
हमास के सूत्रों ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि जेरूसलम स्थित इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल अल-अक्सा मस्जिद पर मई, 2021 में इजरायली बलों ने हमला किया था और इसके बाद ही डायफ ने इजरायल पर हमले की साजिश रचनी शुरू की। सूत्रों ने कहा, "इजरायल द्वारा रमजान के दौरान अल-अक्सा मस्जिद पर हमला करने, नमाजियों को पीटने, बुजुर्गों और युवाओं को मस्जिद से बाहर खींचने के दृश्यों और फुटेज से इसकी शुरुआत हुई।"
सिनवार और डायफ ने मिलकर लिया था हमले का निर्णय
सूत्रों के अनुसार, हमले की तैयारी का निर्णय गाजा में हमास के नेता येह्या सिनवार के साथ हमास के अल-कसम ब्रिगेड की कमान संभालने वाले डायफ ने संयुक्त रूप से लिया था, लेकिन इसका मास्टरमाइंड डायफ ही था। सूत्र ने कहा, "2 दिमाग हैं, लेकिन मास्टरमाइंड एक है।" उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बारे में केवल मुट्ठी भर हमास नेताओं को ही जानकारी थी। इजरायल के कट्टर दुश्मन ईरान तक को इसकी सटीक और पूरी जानकारी नहीं थी।
ईरान को थी महज किसी ऑपरेशन की तैयारी की जानकारी
सूत्रों के अनुसार, ईरान को महज इतना पता था कि एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी है, लेकिन इसके अलावा उसे और कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि ईरान, हमास, फिलिस्तीनी नेतृत्व और लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह से जुड़ी किसी भी बैठक में इस पर चर्चा नहीं की गई। इसके अलावा लंबे समय तक इजरायल को धोखे में रखा गया कि हमास उस पर हमला करने में दिलचस्पी नहीं रखता है, बल्कि गाजा में आर्थिक विकास पर उसका ध्यान है।
दो साल तक हमास के लड़ाकों ने छिपकर लिया प्रशिक्षण
जब इजरायल गाजा में विकास कार्य कर रहा था और श्रमिकों को आर्थिक प्रोत्साहन दे रहा था, तब इजरायली सेना से छिपकर डायफ अपने आतंकियों को प्रशिक्षित दे रहा था। हमास के बाहरी संबंधों के प्रमुख अली बराका ने कहा, "हमने इस लड़ाई के लिए 2 साल तक तैयारी की।" बराका ने बताया कि हमास ने कई बार इजरायल को चेताया था कि वो हमारे शहरों, गावों और इलाकों और फिलिस्तीन के लोगों पर हमला न करे।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय में सुनवाई न होने के बाद लिया हमले का फैसला- डायफ
पिछले काफी समय से फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में उथल-पुथल मची हुई है और इजरायल पर यहां फिलिस्तीनी लोगों पर अत्याचार करने का आरोप लगता है। डायफ ने कहा कि इजरायल के कब्जे वाले इलाकों से उसके अपराधों को खत्म करने के लिए हमास ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया, इजरायल से फिलिस्तीनी कैदियों को मानवीय समझौते के तहत छोड़ने के लिए भी कहा, लेकिन जब बात नहीं बनी, तब यह सब खत्म करने का फैसला किया।
कौन है मोहम्मद डायफ?
डायफ का जन्म 1960 के दशन के दौरान गाजा में खान यूनिस शरणार्थी शिविर में हुआ था। तब उसका नाम मोहम्मद दीब इब्राहिम अल-मसरी था। डायफ ने गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी और तभी वो हमास से परिचित हुआ था। उसके चाचा और पिता 1950 के दशक में इजरायल के खिलाफ युद्ध में शामिल हुए थे। डायफ ने भी कई बार इजरायल के खिलाफ संघर्ष में हिस्सा लिया। 2002 में वो हमास का सैन्य प्रमुख बना था।
इजरायल 7 बार कर चुका है डायफ को मारने की कोशिश
डायफ के पास सुरंगों के नेटवर्क और बम बनाने की विशेषज्ञता है, जिससे हमास को बढ़त मिली है। इसके कारण दशकों से वो इजरायल की वांटेड लिस्ट में है। उसे आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों इजरायलियों की मौत के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया गया है। इजरायल उसे 7 बार मारने की कोशिश कर चुका है। 2014 में इजरायल ने एक घर को घेरा था, जिसमें उसकी पत्नी और 3 बच्चों की मौत हो गई थी।
व्हीलचेयर पर है डायफ, लेकिन अभी भी रच रहा साजिश
20 साल पहले इजरायल की एक एयर स्ट्राइक में डायफ किसी से तरह बच गया था, लेकिन इसमें उसे अपनी एक आंख, एक हाथ और एक पैर खोना पड़ा था और तभी से वो व्हीलचेयर पर है। डायफ में अब पहले जैसी शारीरिक ताकत नहीं रही, लेकिन उसका दिमाग अब भी साजिशों को अंजाम दे रहा है। वो किसी भी तकनीक का सहारा नहीं लेता, इसलिए इजरायल उसे पकड़ नहीं पा रहा। उसकी केवल 3 ही तस्वीरें इंटरनेट पर हैं।
हमास नेता येह्या सिनवार कौन है?
1962 में गाजा में पैदा हुए येह्या सिनवार 2017 से हमास की पोलित ब्यूरो का सदस्य है और गाजा पट्टी में उसका प्रमुख है। उसे पोलित ब्यूरो को हमास की सैन्य इकाई इज़्ज़ अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड के साथ जोड़ने वाले मुख्य व्यक्तियों में से एक माना जाता है। सिनवार कई बार गिरफ्तार हुआ और कुल 24 साल उसने जेल में बिताए हैं। वह 2011 में इजरायली सैनिक गिलाद शालित के बदले रिहा हुआ था।