
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से जूझ रहे हैं वरुण धवन, जानिए इस बीमारी से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
बॉलीवुड अभिनेता वरुण धवन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि वह वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन नामक बीमारी का सामना कर रहे हैं।
हालांकि, अब वरुण ने अपने ट्विटर पोस्ट जरिए बताया कि वह अब काफी बेहतर हैं। फिर भी लोग इस बीमारी को इंटरनेट पर खूब सर्च कर रहें हैं।
अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो आइए आज इस बीमारी के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय जानते हैं।
ट्विटर पोस्ट
वरुण धवन का ट्विटर पोस्ट
To everyone who has been concerned I would like to share I am doing much better with the help of yoga, swimming, physio and a change in lifestyle. Getting sun is the most important. Above all the blessings of Bhagwan. 💪💪💪
— VarunDhawan (@Varun_dvn) November 7, 2022
जानकारी
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन क्या है?
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन एक तरह का डिसऑर्डर है।
यह तब होता है, जब कान के संतुलन वाला हिस्सा किसी कारणवश प्रभावित हो जाता है और इसके कारण व्यक्ति को दिमाग तक मैसेज पहुंचाने में परेशानी होती है।
बता दें कि मानव शरीर में एक वेस्टिबुलर सिस्टम होता है, जो आंख, कान और मांसपेशियों में संतुलन बनाकर रखता है।
हालांकि, अगर इसे किसी तरह से नुकसान पहुंचता है तो वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन होने की संभावना बढ़ जाती है।
कारण
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन होने के कारण क्या हैं?
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन किसी भी कान से जुड़ी समस्या सहित कई कारणों के चलते हो सकती है।
इसी तरह यह सिर में चोट लगने, दिमाग में खून के थक्के जमने या उम्र बढ़ने के कारण भी हो सकती है।
इसके अलावा यह बीमारी आंतरिक कान की समस्याओं जैसे कान के खराब ब्लड सर्कुलेशन और कान में संक्रमण आदि होने के कारण भी हो सकती है।
यह आमतौर पर 30-50 साल की उम्र के लोगों को होती है।
लक्षण
क्या है वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के लक्षण?
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन के सबसे आम लक्षणों में चक्कर आना, शारीरिक असंतुलन, भटकाव, आंखों से धुंधला दिखाई देना आदि शामिल है।
मतली, चिंता, भय, हृदय की गति में बदलाव, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं भी इस डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते हैं।
इसके उपचार के लिए ENT सर्जन से संपर्क करें, जो आपकी मेडिकल हिस्ट्री और आयु के हिसाब से आपको इससे राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
बचाव
वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से बचाव के उपाय
डाइट और स्लीप साइकिल सहित अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाने से इस स्थिति से काफी हद तक बचाव हो सकता है।
नियमित एक्सरसाइज करना, योग का अभ्यास और धूम्रपान समेत शराब से परहेज करने से भी वेस्टिबुलर हाइपोफंक्शन से बचाव हो सकता है।
वहीं, वेस्टिबुलर रिहैबिलिटेशन या बैलेंस रिट्रेनिंग थेरेपी से इसके लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।