
मंगल ग्रह से पृथ्वी पर गिरा सबसे बड़ा उल्कापिंड 35 करोड़ रुपये में हुआ नीलाम
क्या है खबर?
मंगल ग्रह से पृथ्वी पर गिरा उल्कापिंड का एक टुकड़ा बीते दिन (16 जुलाई) नीलाम हो गया। रिपोर्ट के अनुसार, इसे न्यूयॉर्क में आयोजित एक नीलामी में 43 लाख डॉलर (लगभग 35 करोड़ रुपये) में बेचा गया। नीलामी में इस उल्कापिंड की बिक्री को खास माना जा रहा है, क्योंकि यह अब तक पृथ्वी पर मिले मंगल ग्रह के सबसे बड़े टुकड़ों में से एक है और काफी दुर्लभ है।
विशेषताएं
उल्कापिंड की विशेषताएं और खोज
इस मंगल ग्रह के पत्थर का नाम NWA 16788 है, जो लाल भूरे रंग का है और इसका वजन 24.5 किलोग्राम है। इसकी लंबाई करीब 15 इंच यानी 38.1 सेंटीमीटर है। इसे नवंबर, 2023 में अफ्रीका के नाइजर देश के एक दूरदराज इलाके से खोजा गया था। नीलामी संस्था सोथबी के अनुसार, यह टुकड़ा अब तक मिले सबसे बड़े मंगल उल्कापिंड से 70 प्रतिशत ज्यादा बड़ा है और बहुत ही दुर्लभ है।
कीमत
कितनी है इसकी कीमत और क्यों है यह खास?
नीलामी में इस उल्कापिंड की कीमत कर और शुल्क मिलाकर 53 लाख डॉलर (लगभग 45 करोड़ रुपये) आंकी गई। नीलामी कंपनी सोथबी की उपाध्यक्ष कैसंड्रा हैटन ने कहा कि पृथ्वी पर मंगल का टुकड़ा मिलना खगोलीय रूप से बेहद दुर्लभ है, क्योंकि इसकी धरती पर सुरक्षित पहुंचने की संभावना बहुत ही कम होती है। पानी से ढकी धरती पर यह टुकड़ा सूखी जमीन पर गिरा, जो सौभाग्य की बात है।
अन्य
नीलामी में और क्या-क्या बिका?
इस नीलामी में केवल मंगल का उल्कापिंड ही नहीं, बल्कि अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं भी शामिल थीं। जुरासिक काल के एक सेराटोसॉरस डायनासोर का कंकाल करीब 2.6 करोड़ डॉलर (लगभग 220 करोड़ रुपये) में बिका। इसके अलावा, एक पैकीसेफालोसॉरस नामक डायनासोर की खोपड़ी भी 14 लाख डॉलर (लगभग 12 करोड़ रुपये) में खरीदी गई। इस नीलामी ने वैज्ञानिक इतिहास और खगोल विज्ञान के शौकीनों के बीच काफी उत्साह पैदा किया है।