यूनाइटेड किंगडम: प्रारंभिक चरण के आंत्र कैंसर का पता लगा सकते हैं ये कुत्ते, जानिए कैसे
क्या है खबर?
कुत्ते बेहद समझदार जानवर होते हैं और उनकी सूंघने की क्षमता अधिक होती है। इस कारण से उन्हें कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है।
यूनाइटेड किंगडम (UK) में भी कुछ कुत्तों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है, जिसके जरिए वे प्रारंभिक चरण के आंत्र कैंसर का पता लगा सकते हैं।
यह कदम कई लोगों की जान बचाने के लिए मददगार साबित हो सकता है।
कुत्ते
ये कुत्ते कैंसर की पहचान लगाने में हो रहे हैं सफल
UK स्थित मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स चैरिटी ने 2024 में एक अध्ययन शुरू किया था। इसके अंतर्गत कुत्तों को प्रारंभिक चरण के आंत्र कैंसर का पता लगाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मैंगो, कैली और डॉटी नाम के कॉकर स्पैनियल, हेट्टी, रोजी और जोडी नाम के लैब्राडोर और फ्लैट-कोटेड रिट्रीवर विलो सफलता के संकेत दिखा रहे हैं।
वे आंत के कैंसर को सूंघ सकते हैं और मूत्र के नमूनों के जरिए इस बीमारी की पहचान कर सकते हैं।
चैरिटी
शोधकर्ताओं को इन कुत्तों से हैं कई उम्मीदें
चैरिटी के सभी कुत्तों को पार्किंसंस रोग, स्यूडोमोनास, COVID -19 और एडिसन रोग जैसी बीमारियों को पहचानने के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है।
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि ये कुत्ते प्रारंभिक चरण के आंत्र कैंसर की पहचान मनुष्यों की तुलना में जल्दी कर सकेंगे।
इस चैरिटी के संचार प्रमुख जेम्मा बटलिन ने कहा, "चैरिटी 15 सालों से बीमारियों की गंध की जांच कर रही है, लेकिन आंत्र कैंसर को पहचानने का प्रशिक्षण हाल ही में शुरू हुआ है।"
प्रशिक्षण
इस तरह किया जाता है कुत्तों का प्रशिक्षण
प्रशिक्षण की शुरुआत एक खेल से होती है, जिसमें कुत्ते मूत्र के नमूनों के जरिए बीमारी का पता लगाते हैं।
धीरे-धीरे नमूनों का आकार छोटा होता जाता है और कुत्ते अन्य स्थितियों वाले रोगियों की बीमारी का पता लगाना सीखते हैं।
हल यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल्स से सैंपल लाए जाते हैं और उन्हें ओपन यूनिवर्सिटी द्वारा बनाए गए मेटल स्टैंड पर रखा जाता है।
कुत्ते मनुष्यों को संकेत देकर बताते हैं कि उन्हें कैंसर का पता चला है या नहीं।
समय
10 सेकंड के अंदर ही कर लेते हैं कैंसर की पहचान
बटलिन ने बताया कि जब कुत्ते गंध सूंघते हैं तो वे संकेत देने के लिए बैठते हैं या स्थिर खड़े हो जाते हैं। आम तौर पर वे 10 सेकंड के अंदर ही कैंसर का पता लगा लेते हैं, जिसके बाद उन्हें प्यार किया जाता है और स्नैक्स दिए जाते हैं।
फिलहाल, इन कुत्तों को 1 मिलीलीटर का मूत्र का सैंपल सुंघाया जाता है। इसी प्रक्रिया के जरिए प्रोस्टेट कैंसर और मूत्राशय के कैंसर का भी पता लगाया जाता है।