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इन पांच आध्यात्मिक स्थलों के बिना अधूरी है वाराणसी की यात्रा
वाराणसी के प्रसिद्ध आध्यात्मिक स्थल (तस्वीर: Wikimedia Commons)

इन पांच आध्यात्मिक स्थलों के बिना अधूरी है वाराणसी की यात्रा

लेखन अंजली
Sep 13, 2022
09:32 am

क्या है खबर?

अगर आप आध्यात्मिकता में विश्वास रखते हैं और पवित्र गंगा नदी के घाटों पर अच्छा समय बिताना चाहते हैं तो आपको उत्तर प्रदेश के वाराणसी की यात्रा अवश्य करनी चाहिए। गंगा आरती के लिए प्रसिद्ध वाराणसी प्राचीन मंदिरों और पवित्र घाटों से समृद्ध है, जो आपके दिल, दिमाग और आत्मा पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ेंगे। आइए आज हम आपको पांच ऐसे आध्यात्मिक स्थलों के बारे में बताते हैं, जिनके बिना वाराणसी की यात्रा अधूरी है।

#1

काशी विश्वनाथ मंदिर

पवित्र गंगा नदी के तट पर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर भक्तों के लिए उत्तर प्रदेश का सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान विश्वनाथ यानी शिव को समर्पित है और भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर में एक शिखर और सोने का गुंबद है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप गुंबद को देखते हैं तो आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होती है।

#2

अस्सी घाट

वाराणसी के दक्षिणी भाग में स्थित अस्सी घाट पर पूरे साल पर्यटकों का तांता लगा रहता है। ऐसा माना जाता है कि वाराणसी के सबसे बड़े घाटों में से एक देवी दुर्गा ने राक्षस शुंभ-निशुंभ को हराने के बाद अपनी तलवार अस्सी नदी में डुबो दी थी। किंवदंतियों के अनुसार, अस्सी घाट पर पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाकर किसी भी व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति मिल सकती है।

#3

दुर्गा मंदिर

दुर्गा मंदिर या बंदर मंदिर वाराणसी के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है, जहां साल भर सैकड़ों भक्त आते हैं। किंवदंतियों के अनुसार, इस मंदिर के परिसर में देवी दुर्गा की मूर्ति अपने आप प्रकट हुई है यानी यह मानव निर्मित नहीं है। 18वीं शताब्दी में नटोर की रानी भबानी द्वारा निर्मित इस मंदिर में बहु-स्तरीय मीनारें हैं और यह अद्वितीय नागर शैली की वास्तुकला को दर्शाता है।

#4

सिंधिया घाट

अगर आप घाट की सीढ़ियों पर बैठकर कुछ क्षण शांति से बिताना चाहते हैं तो इसके लिए सिंधिया घाट या शिंदे घाट एकदम बेहतरीन है। मेडिटेशन का अभ्यास करने के लिए भी यह घाट काफी लोकप्रिय है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी घाट पर भगवान अग्नि का जन्म हुआ था। इस घाट पर एक छोटा सा भगवान शिव का भी मंदिर है, जो आंशिक रूप से नदी में डूबा हुआ है।

#5

संकट मोचन हनुमान मंदिर

भगवान हनुमान को समर्पित यह संकट मोचन हनुमान मंदिर अस्सी नदी के किनारे पर स्थित है। 16वीं शताब्दी की शुरुआत में कवि-संत श्री गोस्वामी तुलसीदास द्वारा निर्मित इस मंदिर में सैकड़ों भक्त आते हैं, विशेष रूप से शनिवार और मंगलवार को। इस मंदिर में हनुमान की मूर्ति को गेंदे के फूलों से सजाया जाता है और तरह-तरह की मिठाइयां यहां प्रसाद के रूप में चढ़ाई जाती हैं।