बच्चों की एकाग्रता क्षमता को बढ़ाने में सहायक हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
एकाग्रता में कमी से संबंधित समस्याएं किसी को भी चिंता में डाल सकती हैं। बढ़ती उम्र के साथ यह समस्या होना एक आम बात है, लेकिन आजकल बच्चों में भी यह समस्या देखी जा रही है और इसका एक प्रमुख कारण आधुनिक जीवनशैली है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा इस समस्या से बचा रहे और उसकी एकाग्रता क्षमता मजबूत हो तो उसे रोजाना कुछ योगासनों का अभ्यास करवाएं। आइए पांच योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
वृक्षासन
वृक्षासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आपस में जोड़ते हुए सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा दायीं जांघ पर रख लें। अब हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम देकर आसन को दोहराएं।
गरुड़ासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर ताड़ासन यानी सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आप सामान्य रूप से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें। अब पूरे शरीर का संतुलन दाएं पैर पर ले आएं और बाएं पैर को घुटने की पीछे हिस्से के ऊपर ले जाएं, फिर अपनी दोनों बाजुओं को कोहनी से मोड़ते हुए क्रास बना लें और इस मुद्रा में जितनी देर हो सके खुद को बनाकर रखें। इसके बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
मंडूकासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं, फिर दोनों हाथों से मुठ्ठी बनाकर इन्हें अपनी नाभि के पास रख लें। अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर इस तरह से झुकें कि नाभि पर मुठ्ठी का ज्यादा से ज्यादा दबाव पड़े। इस दौरान सिर और गर्दन ऊपर उठाए रखें। धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते हुए यथासंभव इस स्थिति को बनाए रखें। इसके बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ दें और विश्राम करें।
क्रोंचासन
क्रोंचासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठें। इसके बाद बाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए पीछे की ओर ले जाएं और कूल्हों के नीचे दबाएं। अब हाथों से दाएं पैर का तलवा पकड़कर इसे ऊपर की ओर उठाएं और पैर को सिर के पास लाने की कोशिश करें। इस अवस्था में 30 सेकंड तक रूकें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। इसके बाद इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी दोहराएं।
नटराजासन
नटराजासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं, फिर दाएं पैर को पीछे ले जाते हुए जमीन से ऊपर उठाएं और इसे मोड़कर दाएं हाथ से पकड़ लें। इसके बाद हाथ की मदद से पैर को अधिकतम ऊंचाई तक उठाने की कोशिश करें। इस दौरान बाएं हाथ को सामने की ओर ऊपर उठाएं। इस मुद्रा में कुछ देर रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं, फिर दूसरे पैर से इसे दोहराएं।