ये 5 योगासन देते हैं हड्डियों को मजबूती, जरूर करें अभ्यास
क्या है खबर?
अमूमन लोग हड्डियों को मजबूती देने के लिए खान-पान और सप्लीमेंट्स पर अतिरिक्त ध्यान देते हैं, लेकिन हड़्डियों को प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रखने और मजबूती प्रदान करने के लिए योग भी किया जा सकता है।
आइए आज पांच ऐसे योगासनों के बारे में जानते हैं, जिनका नियमित अभ्यास हड्डियों के लिए लाभदायक साबित हो सकता है।
इन योगासनों से त्वचा को निखाने, वजन घटाने और इम्युनिटी बढ़ाने जैसे लाभ भी मिल सकते हैं।
#1
सबसे ज्यादा प्रभावी है वीरभद्रासन
वीरभद्रासन के लिए सबसे पहले चटाई पर पैरों को तीन-चार फीट की दूरी तक फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को कंधे की सीध में फैलाएं।
अब दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
इसके बाद इस प्रक्रिया को बाएं पैर से दोहराएं।
#2
त्रिकोणासन से भी मिलेगी मजबूती
सबसे पहले चटाई पर सीधे खड़े होकर अपने दोनों पैरों को जितना हो सके, उतना खोलें।
इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं और एक हाथ की उंगलियों से उसी तरफ के पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें।
इस मुद्रा में दो-तीन मिनट तक बने रहने के बाद धीरे-धीरे त्रिकोणासन को छोड़ें। फिर इसी प्रक्रिया दूसरे हाथ की तरफ से दोहराएं।
#3
बहुत असरदार आसन है वृक्षासन
वृक्षासन के लिए दोनों पैरों को आपस में जोड़ते हुए सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं।
अब शरीर का संतुलन बनाते हुए बायां तलवा दायीं जांघ पर रख लें।
इसके बाद अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं।
थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और कुछ देर शरीर को आराम देकर आसन को फिर से दोहराएं।
#4
रोजाना करें सर्वांगासन का अभ्यास
सर्वांगासन करने के लिए चटाई पर पीठ के बल लेटकर दोनों हाथों को शरीर से सटाकर सीधा करें।
अब सांस लेते हुए पैरों, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं।
इसके बाद हाथों से पीठ को सहारा देते हुए कोहनियों को जमीन से सटा लें।
कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
#5
अर्धमत्स्येन्द्रासन से होगा फायदा
अर्धमत्स्येन्द्रासन के लिए चटाई दंडासन की मुद्रा में बैठकर अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं घुटने के ऊपर से इसके किनारे पर रखें।
इसके बाद बाएं घुटने को मोड़कर इसकी एड़ी को दाएं कूल्हे के नीचे रखें और बाएं हाथ से दाएं टखने को पकड़ने की कोशिश करें।
इस दौरान दाएं हाथ को पीठ के पीछे रखें। कुछ सेकंड इसी स्थिति में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।