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सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये प्राणायाम, ऐसे करें अभ्यास
सिरदर्द से राहत दिलाने वाले प्राणायाम

सिरदर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं ये प्राणायाम, ऐसे करें अभ्यास

लेखन अंजली
May 04, 2022
06:00 am

क्या है खबर?

काम के दबाव और दिनभर की भागदौड़ के कारण कई लोग मानसिक तनाव का शिकार हो जाते हैं। इसकी वजह से उन्हें सिरदर्द की समस्या होने लगती है। कई लोग अन्य कारणों से भी सिरदर्द से परेशान रहते हैं। वे इससे राहत के लिए दवाइयों का सेवन कर लेते हैं और इनका उनके शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसकी बजाय अगर कुछ प्राणायामों का अभ्यास किया जाए तो बिना किसी नुकसान के सिरदर्द से राहत पाई जा सकती है।

#1

उद्गीथ प्राणायाम

उद्गीथ प्राणायाम के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रख लें। अब दोनों आंखों को बंद करके गहरी सांस लें और इसे धीरे-धीरे छोड़ते हुए ओम का जाप करें। ध्यान रखें की जब आप यह उच्चारण कर रहे हों, तब आपका ध्यान आपकी सांसों पर केंद्रित हो। शुरूआत में इस प्राणायाम का अभ्यास 5-10 मिनट तक करें और फिर धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

#2

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें। अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें, फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें। ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए। कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

#3

भ्रामरी प्राणायाम

भ्रामरी प्राणायाम के लिए योगा मैट पर पद्मासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर अपने कानों के पास लाएं और अंगूठों से अपने दोनों कानो को बंद करें, फिर हाथों की तर्जनी उंगलियों को माथे पर और मध्यमा, अनामिका और कनिष्का उंगली को बंद आंखों के ऊपर रखें। इसके बाद मुंह बंद करें और नाक से सांस लेते हुए ओम का उच्चारण करें। कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे प्राणायाम को छोड़ दें।

#4

शीतली प्राणायाम

सबसे पहले योगा मैट पर किसी भी आरामदायक स्थिति में बैठ जाएं और आंखें बंद करें। अब अपने हाथों को ज्ञानमुद्रा में घुटनों पर रखकर अपनी जीभ से नली का आकार बना लें। दोनों किनारों से जिह्वा को मोड़कर पाइप का आकार बना लें, फिर इसी स्थिति में लंबी और गहरी सांस लेकर जीभ को अन्दर करके मुहं को बंद कर लें। इसके बाद अपनी नाक के जरिए धीरे-धीरे सांस निकालें। इस प्रक्रिया को कम से कम 20-25 बार दोहराएं।