पेट के कैंसर के जोखिम कम करने में सहायक हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
कैंसर एक गंभीर बीमारी है। कैंसर कई तरह का होता है और इन्हीं में से एक है पेट का कैंसर। विशेषज्ञों के मुताबिक, पेट के कैंसर का अहम जोखिम कारक गलत खान-पान है। बता दें कि गलत खान-पान से पेट का कैंसर होने की आशंका 15 से 30 गुना ज्यादा बढ़ जाती है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो पेट के कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।
वृक्षासन
वृक्षासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आपस में जोड़े और सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा दायीं जांघ पर रख लें। अब अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम देकर आसन को दोहराएं।
मार्जरी आसन
सबसे पहले योग मैट पर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं और फिर हाथों को आगे की ओर फैलाकर घुटनों के बल आ जाएं। अब सांस लेते हुए कमर को नीचे की ओर करें और गर्दन को ऊपर उठाएं। कुछ सेकंड इस अवस्था में बने रहें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए रीढ़ को ऊपर करें और गर्दन को नीचे की ओर झुकाएं। कुछ सेकंड इसी अवस्था में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
वज्रासन
इस आसन के अभ्यास के लिए घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं। इस स्थिति में अपने दोनों पैरों के अंगुठों को साथ में मिलाएं और एड़ियों को अलग रखें। अब अपने नितंबों को एड़ियों पर टिकाकर अपनी हथेलियां को घुटनों पर रखें। इस दौरान अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें। इसके बाद आंखें बंद करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस अवस्था में कम से कम 5-10 मिनट तक बैठने की कोशिश करें, फिर सामान्य हो जाएं।
नौकासन
नौकासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर श्वासन की मुद्रा में बिल्कुल सीधे लेट जाएं। इसके बाद अपने दोनों पैरों के पंजों को आपस में जोड़ते हुए उन्हें 45 डिग्री तक सांस भरते हुए उठा लें। अब अपने दोनों हाथों को कंधे की सीध में उठाते हुए घुटनों की तरफ एकदम सीधा रखें। इसी अवस्था में अपने सिर और पीठ को भी उठाएं और नाव का आकार ले लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे योगासन को छोड़ें।