वीरभद्रासन: स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है यह योगासन, जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
अगर आप बिगड़ती जीवनशैली और गलत खानपान के कारण होने वाली गंभीर बीमारियों से राहत पाना चाहते हैं तो योगासनों का नियमित अभ्यास इसमें आपकी मदद कर सकता है। जहां तक कि शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने और इसे डिटॉक्सीफाई करने के लिए भी योगासनों पर विश्वास किया जा सकता है। चलिए फिर आज आपको वीरभद्रासन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नियमित अभ्यास स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है।
वीरभद्रासन के अभ्यास का तरीका
वीरभद्रासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को तीन-चार फीट की दूरी तक फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को कंधे की सीध में फैला लें। फिर दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। इसके बाद इस प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं।
वीरभद्रासन के अभ्यास से जुड़ी सावधानियां
1) अगर आपको घुटनों या हाथों से जुड़ी कोई समस्या है या पैरों में दर्द हो रहा हो तो ऐसे में इस योगासन का अभ्यास न करें। 2) जिन लोगों को पेट या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई बीमारी है तो उनको भी इस योगासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए क्योंकि इसके कारण उनकी समस्या बढ़ सकती है। 3) अधिक उम्र के लोगों और गर्भवती महिलाओं को भी इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
वीरभद्रासन के अभ्यास से मिलने वाले फायदे
वीरभद्रासन का रोजाना अभ्यास करने से कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए इस योगासन के नियमित अभ्यास से शरीर का संतुलन कायम रहता है और हाथ-पैर और पीठ को मजबूती मिलती है। इसके अतिरिक्त किडनी और पाचन तंत्र आदि पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर मानसिक स्वास्थ्य की बात करें तो वीरभद्रासन के रोजाना अभ्यास से दिमाग शांत रहता है और तनाव से काफी हद तक राहत मिलती है।
वीरभद्रासन का अभ्यास करने से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण टिप्स
1) अगर आप पहली बार इस योगासन का अभ्यास करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें और तभी इसका अभ्यास करें। 2) संभव हो सके तो किसी योग शिक्षक की निगरानी में ही इसका अभ्यास करें। 3) इसका अभ्यास करने से पहले कुछ हल्की-फुल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कर लें। 4) इस योगासन को करते समय ज्यादा टाइट कपड़े न पहनें। 5) इसका अभ्यास सुबह खाली पेट करें।