फ्रॉस्टबाइट: जानिए त्वचा से जुड़ी इस समस्या के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
फ्रॉस्टबाइट एक ऐसी समस्या है जिसमें अधिक ठंडे तापमान के संपर्क में आने से त्वचा पर घाव होने लगते हैं। अमूमन बर्फीली जगहों पर ऐसी स्थिति अधिक सामने आती है। फ्रॉस्टबाइट हाथ-पैरों की उंगलियों, कान, नाक और ठुड्डी को प्रभावित करता है। यह प्रभावित हिस्से की त्वचा को ठंडा, सख्त और सुन्न कर देता है। आइए आज हम आपको इस समस्या के कारण, लक्षण, बचाव के उपाय और कई अन्य महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
कितने तापमान में फ्रॉस्टबाइट होने का खतरा रहता है?
फ्रॉस्टबाइट त्वचा और ऊतकों को नुकसान पहुंचाता है और आमतौर पर तब होता है जब आपकी त्वचा -0.55C से नीचे बेहद ठंडे तापमान के संपर्क में आती है। तापमान जितना कम होगा, इसके लक्षण भी उतनी ही तेजी से विकसित होते हैं।
फ्रॉस्टबाइट के प्रकार
फ्रॉस्टनिप: यह सबसे हल्के रूपों में से एक है, जिसमें फ्रॉस्टबाइट से प्रभावित हिस्से सुन्न पड़ जाते हैं। यह दर्द और झुनझुनी पैदा कर सकता है, लेकिन त्वचा को कोई स्थायी नुकसान नहीं पहुंचाता है। सुपरफिशल फ्रॉस्टबाइट: त्वचा के रंग में मामूली बदलाव के कारण इस अवस्था में चुभन, सूजन और जलन का अहसास हो सकता है। सीवियर फ्रॉस्टबाइट: इसमें त्वचा सफेद या नीली-ग्रे हो जाती है और त्वचा के ऊतक काले और सख्त होने लगते हैं।
फ्रॉस्टबाइट के लक्षण
फ्रॉस्टबाइट के शुरुआती चरणों के दौरान आप ठंडी त्वचा, सुन्नपन, सूजन और चुभन महसूस कर सकते हैं। त्वचा हल्की सफेद या पीली पड़ सकती है। मध्यवर्ती चरण के दौरान आपकी त्वचा सख्तपन महसूस कर सकती है और इस पर घाव भी हो सकते हैं। स्थिति गंभीर होने पर त्वचा लाल, बैंगनी या भूरी भी हो सकती है। इसके साथ ही आप मांसपेशियों और जोड़ों में अकड़न भी अनुभव कर सकते हैं।
फ्रॉस्टबाइट के कारण
फ्रॉस्टबाइट आमतौर पर ठंडे मौसम की स्थिति के संपर्क में आने के कारण होता है। सर्दी के बचाव वाले कपड़े न पहनने या फिर माइनस तापमान में शरीर के अंगों को खुला रखने पर इसकी चपेट में आने का खतरा काफी बढ़ जाता है। तेज ठंड की चपेट में आने के बाद नाक, हाथ-पैर की उंगलियां और कान का रक्त प्रभाव प्रभावित होता है। इससे फ्रॉस्टबाइट होने की संभावना भी बढ़ सकती है।
फ्रॉस्टबाइट से बचाव के उपाय
अधिक ठंडे माहौल में घर के अंदर रहने की कोशिश करें। बाहर जाने से पहले मौसम के पूर्वानुमान के बारे में जानें और आरामदायक गर्म कपड़ों को लेयर्स में पहनकर ही बाहर निकलें। उदाहरण के लिए सबसे पहले एक हल्का थर्मल पहनें, फिर दूसरी परत ऊनी कपड़े की पहनें। अंत में कपड़े की तीसरी परत वाटरप्रूफ और विंडप्रूफ होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, अपने कान और हाथ-पैरों को भी गर्म चीजों से ढककर रखें।
क्या समस्या के लिए कोई उपचार उपलब्ध है?
आप सरल प्राथमिक चिकित्सा देखभाल के साथ घर पर आसानी से फ्रॉस्टबाइट के हल्के लक्षणों का इलाज कर सकते हैं। इसके लिए गर्म जगह पर रहें और सुन्न पड़े हिस्से को हल्के हाथों से समय-समय पर हिलाएं। अगर त्वचा पर फ्रॉस्टबाइट के घाव हुए हैं तो देखभाल की तकनीकों के साथ-साथ संक्रमण से लड़ने वाली दवाएं समय से लेना सुनिश्चित करें। इससे आपको कुछ समय में आराम मिलने लग जाएगा।