
मेटा ने AI विभाग में नए कर्मचारियों की भर्ती पर लगाई रोक
क्या है खबर?
मेटा ने अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विभाग में नए कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी है। कंपनी ने हाल ही में गूगल, ऐपल और OpenAI से कई विशेषज्ञों को बड़ी संख्या में अपनी टीम में शामिल किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल मेटा ने 50 से ज्यादा शोधकर्ताओं और इंजीनियरों को नियुक्त किया। अब यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब कंपनी AI से जुड़ी लागतों और संगठनात्मक ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है।
वजह
क्या है वजह?
भर्ती रोकने का फैसला दरअसल मेटा के AI विभाग के पुनर्गठन से जुड़ा हुआ है। कंपनी ने अपने AI समूह को 4 टीमों में बांटा है, एक सुपरइंटेलिजेंस, दूसरी AI प्रोडक्ट्स, तीसरी इंफ्रास्ट्रक्चर और चौथी रिसर्च प्रोजेक्ट्स के लिए। इस दौरान न केवल नई भर्तियों पर रोक लगी है, बल्कि मौजूदा कर्मचारियों को टीम बदलने से भी रोका गया है। किसी भी बदलाव के लिए कंपनी के मुख्य AI अधिकारी की मंजूरी लेनी होगी।
दबाव
आलोचना और दबाव
यह पुनर्गठन उस समय किया गया है, जब मेटा को अपने भाषा मॉडल लामा के कमजोर प्रदर्शन के बाद आलोचना का सामना करना पड़ा। CEO मार्क जुकरबर्ग खुद इस भर्ती अभियान में शामिल रहे और शोधकर्ताओं को करोड़ों डॉलर तक के वेतन पैकेज ऑफर किए। कुछ सौदों की कीमत 1.5 अरब डॉलर (लगभग 130 अरब रुपये) तक बताई गई। हालांकि, इतनी बड़ी रकम खर्च करने के कारण निवेशक कंपनी की रणनीति और भविष्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।
चिंता
निवेशकों की चिंता
विशेषज्ञों का कहना है कि AI विशेषज्ञों को आकर्षित करने के लिए स्टॉक आधारित मुआवजे और भारी-भरकम वेतन पैकेज शेयरधारकों के रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। यही वजह है कि कंपनी ने फिलहाल अपनी AI टीम को स्थिर और बेहतर ढंग से संगठित करने का यह अहम फैसला किया है। मेटा चाहती है कि सुपरइंटेलिजेंस प्रोजेक्ट्स पर आगे बढ़ने से पहले उसके पास मजबूत ढांचा और संतुलित रणनीति हो।