
गूगल क्रोम को खरीदने के लिए इस कंपनी ने लगाई पेरप्लेक्सिटी AI से भी बड़ी बोली
क्या है खबर?
सर्च.कॉम ने गूगल क्रोम को खरीदने के लिए 35 अरब डॉलर (लगभग 3,070 अरब रुपये) की बोली लगाई है, जो पेरप्लेक्सिटी के 34.5 अरब डॉलर के प्रस्ताव से ज्यादा है। इस सौदे से सर्च.कॉम को दुनिया के सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले ब्राउजर और उसके सर्च ट्रैफिक पर नियंत्रण मिल सकता है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब गूगल नियामकीय जांच के घेरे में है और AI कंपनियां ब्राउजिंग के भविष्य पर पकड़ बनाने में जुटी हैं।
फायदा
कंपनी को मिल सकता है बड़ा फायदा
सर्च.कॉम का मानना है कि क्रोम का अधिग्रहण उनके AI सर्च प्लेटफॉर्म को तेजी से बढ़ाने और यूजर्स से सीधे जुड़ने का मौका देगा। क्रोम के पास वैश्विक ब्राउजर बाजार का लगभग 65 प्रतिशत हिस्सा है और गूगल सर्च ट्रैफिक का करीब 90 प्रतिशत नियंत्रित करता है। कंपनी का कहना है कि यह अधिग्रहण विकास को गति देगा और विज्ञापन राजस्व को अरबों डॉलर तक पहुंचा सकता है, जिससे उनकी बाजार में स्थिति और मजबूत होगी।
सुविधाएं
यूजर्स के लिए नई सुविधाएं
सर्च.कॉम की बोली में क्रोम के कोडबेस, ट्रेडमार्क, बुनियादी ढांचे और यूजर डाटा के साथ कुछ नई सुविधाएं शामिल हैं। इनमें विज्ञापन-मुक्त ब्राउजिंग, खोजों पर कैशबैक और प्रकाशकों को 60 प्रतिशत राजस्व-साझाकरण मॉडल दिया जाएगा। कंपनी का कहना है कि यह नैतिक AI और पत्रकारिता को समर्थन देने की दिशा में कदम है। उनका दावा है कि वे बिना अनुमति के कंटेंट का उपयोग नहीं करेंगे और प्रकाशकों को उचित मुआवजा देंगे।
होड़
ब्राउजर में AI की होड़
ब्राउजर बाजार में AI सुविधाओं की होड़ बढ़ रही है। माइक्रोसॉफ्ट ने एज में कोपायलट जोड़ा है, ब्रेव ने लियो असिस्टेंट और ओपेरा ने गूगल के जेमिनी के साथ नए फीचर्स लाए हैं। OpenAI के नए ब्राउजर पर भी चर्चा है। सर्च.कॉम ने हाल ही में जनरेटिव AI प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है और मानता है कि क्रोम उसके लिए रीढ़ की हड्डी साबित होगा। गूगल ने अब तक किसी भी बोली पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।