झड़ते बालों से परेशान हैं तो रोजाना इन प्राणायाम का करें अभ्यास, समस्या से मिलेगी राहत
क्या है खबर?
हर कोई अच्छे बाल रखने की चाह रखता है, लेकिन झड़ते बालों के कारण आपकी ये चाहत अधूरी ही रह सकती है।
बाल झड़ने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनमें गलत खान-पान, हीटिंग हेयर स्टाइलिंग उपकरणों का अधिक इस्तेमाल और हेयर केयर प्रोडक्ट्स को सही तरह से न लगाना आदि शामिल हैं।
हालांकि कुछ प्राणायामों का नियमित अभ्यास करके आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। आइए आज ऐसे ही प्राणायामों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
#1
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
सबसे पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें।
अब अपने दाएं हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें और फिर अपने दाएं हाथ की अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें।
कुछ मिनट इस प्रक्रिया दोहराने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और प्राणायाम का अभ्यास छोड़ दें।
#2
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम के लिए पहले योगा मैट पर सुखासन की अवस्था में बैठकर अपनी दोनों आंखें बंद करें।
अब मुंह को बंद करते हुए नाक के दोनों छिद्रों से गहरी सांस लें और फिर एक झटके में दोनों नाक के छिद्रों से भरी हुई सांस को छोड़ें।
ध्यान रखें कि सांस छोड़ने की गति इतनी तीव्र हो कि झटके के साथ फेफड़े सिकुड़ जाने चाहिए।
कुछ मिनट इस प्राणायाम का अभ्यास करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
#3
कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास के लिए पहले योगा मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें।
इसके बाद अपनी दोनों आंखों को बंद करें और अपने पूरे शरीर को ढीला छोड़कर नाक से गहरी सांस लें। फिर पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए इस सांस को छोड़ें।
कुछ मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराते रहें। इसके बाद धीरे-धीरे अपनी आंखों को खोलें और प्राणायाम का अभ्यास बंद कर दें।
#4
नाड़ी शोधन प्राणायाम
योगा मैट पर पद्मासन में बैठकर अपने दाएं हाथ की पहली दो उंगलियों को माथे के बीचों-बीच रखें।
अब अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद करके नाक के बाएं छिद्र से सांस लें और फिर अनामिका उंगली से नाक के बाएं छिद्र को बंद करके दाएं छिद्र से सांस छोड़ें।
इस दौरान अपने बाएं हाथ को घुटने पर ज्ञान मुद्रा में रखें और दोनों आंखें बंद करके अपनी सांस पर ध्यान दें। कुछ देर बाद प्राणायाम छोड़ दें।