हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में सहायक हैं ये योगासन, जानें अभ्यास का तरीका
बिगड़ती जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण हृदय का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है और लोग तरह-तरह के हृदय रोगों की चपेट में आ रहे हैं। हार्ट अटैक भी इन्हीं रोगों में एक है जो व्यक्ति को मौत के मुंह में धकेल सकता है। हालांकि कुछ योगासनों का नियमित अभ्यास करके व्यक्ति हार्ट अटैक के जोखिम कम करने में सफल हो सकता है। आइए आज हम आपको इन योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं।
गोमुखासन
गोमुखासन के लिए पहले योगा मैट पर दंडासन की स्थिति में बैठकर अपने दाएं पैर को मोड़ें और इसे बायीं जांघ के ऊपर से ले जाते हुए बाएं नितंब के पास जमीन पर रखें। इसी तरह अपने बाएं पैर को मोड़ते हुए दायीं जंघा के नीचे से दाएं नितंब के पास जमीन पर रखें। अब अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़ते हुए उन्हें पीठ के पीछे आपस में पकड़ने का प्रयास करें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।
वृक्षासन
वृक्षासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आपस में जोड़ें और सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। अब शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा दायीं जांघ पर रख लें। इसके बाद अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं। थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं। शरीर को कुछ देर आराम देकर आसन को दोहराएं।
त्रिकोणासन
त्रिकोणासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों पैरों को जितना हो सके उतना खोलें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधों की सीध में फैलाएं और एक हाथ की उंगलियों से उसी तरफ के पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस मुद्रा में दो-तीन मिनट तक बने रहने के बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ें औऱ फिर इसी प्रक्रिया को दूसरे हाथ की तरफ से दोहराएं।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं। अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें। इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। अब कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं। कुछ देर विश्राम के बाद इस योगासन का दोबारा अभ्यास करें।