
व्याघ्रासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके लाभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
व्याघ्रासन एक ऐसा योगासन है जिसका अभ्यास करते समय शरीर की आकृति बाघ के समान दिखती है और इसे शारीरिक के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर माना जाता है।
योग गुरूओं की मानें तो यह योगासन बहुत प्रभावी आसनों में से एक है और आपके लिए रोजाना इसका अभ्यास करना लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
चलिए फिर आज हम आपको व्याघ्रासन के अभ्यास का तरीका और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
अभ्यास
व्याघ्रासन करने का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर मार्जरी आसन की मुद्रा में आएं।
अब अपने दाएं पैर को पीछे की ओर से घुमाकर सिर की तरफ लाएं और एक लंबी सांस लें।
इसके बाद सांस छोड़ते हुए अपने दाएं पैर को नीचे लाएं और सिर को आगे की तरफ झुकाकर नाक को घुटने से लगाएं।
इस प्रक्रिया को कम से कम पांच बार दोनों पैरों से दोहराएं और फिर कुछ मिनट बाद आसन छोड़ दें।
सावधानियां
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर आपको गर्दन, हाथ-पैर या फिर सिर से संबंधित कोई समस्या है तो आपको इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
स्पॉन्डिलाइटिस, स्लिप डिस्क या साइटिका से ग्रस्त लोग भी इस आसन का अभ्यास न करें।
गंभीर हृदय रोग और उच्च रक्तचाप आदि समस्याओं से पीड़ित लोगों को भी इस आसन के अभ्यास से दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
गर्भवती महिलाएं इस आसन का अभ्यास डॉक्टरी सलाह के बाद ही करें।
फायदे
रोजाना व्याघ्रासन का अभ्यास करने से मिलने वाले फायदे
यह आसन पीठ, पैरों और हाथों की मांसपेशियों को मजबूती देता है।
यह आसन साइटिका की समस्या को भी दूर करता है।
इस आसन का अभ्यास संतुलन शक्ति को बढ़ाता है और शरीर का पॉश्चर सुधारने में मदद करता है।
यह आसन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ता है।
इस आसन का अभ्यास सांस के विकारों को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।
इस आसन का पाचन तंत्र पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
टिप्स
अभ्यास से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
अगर इस आसन का अभ्यास करने के दौरान आपको पैरों को ऊपर की ओर करने में परेशानी हो तो शारीरिक क्षमता से अधिक बल न डालें।
बेहतर होगा कि शुरूआत में आप उतना ही पैर ऊपर उठाएं, जितना आप आसानी से उठा सकते हैं।
इस आसन को करते समय शरीर में अधिक तनाव पैदा न करें और शांत दिमाग से इसका अभ्यास करें।
जब आसन का अभ्यास छोड़ें तो किसी भी तरह की जल्दबाजी न करें और धीरे-धीरे आसन छोड़ें।