
थायराइड की समस्या दूर करने में मदद कर सकते हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
योग करने से स्वास्थ्य को अत्यधिक लाभ होता है। इसके अलावा इससे कई बीमारियों या परेशानियों से भी राहत मिलती है।
इनमें से कुछ योगासन ऐसे भी हैं, जिनका अभ्यास थायराइड विकारों को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है। यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा होती है।
आइए आज पांच ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं, जो थायराइड की समस्या से राहत दिलाने में कारगर है।
#1
हलासन
हलासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें।
अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं।
इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
#2
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन का अभ्यास करने के लिए योगा मैट बिछाकर उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं और फिर घुटनों के बल ही खड़े हो जाएं।
अब सामान्य रूप से सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और दाईं हथेली को दाईं एड़ी पर और बाईं हथेली को बाईं एड़ी पर रखने की कोशिश करें।
इस मुद्रा में कम से कम एक-दो मिनट रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं और फिर कुछ मिनट आराम करें।
#3
मत्स्यासन
इस योगासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाकर पद्मासन की अवस्था में एकदम सीधे बैठ जाएं और फिर अपनी पीठ की दिशा में झुकते हुए सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें।
अब अपने पैरों की उंगलियों को पकड़े और जितना संभव हो सके उतनी देर इसी मुद्रा में रूकने की कोशिश करें या फिर कुछ मिनट तक ऐसे ही रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
#4
भुजंगासन
भुजंगासन के लिए चटाई पर अपने हाथों को अपने कंधों के नीचे रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब हाथों से दबाव देते हुए अपने शरीर को जहां तक संभव हो सके उठाने की कोशिश करें। इस दौरान सामान्य तरीके से सांस लेते रहें।
इसके बाद 30 सेकंड इसी मुद्रा में बने रहें और धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। यह योगासन आपको थायराइड की समस्या से राहत दिलाने में मदद करेगा।
#5
सेतु बंधासन
सेतु बंधासन के लिए सबसे पहले अपनी पीठ के बल फर्श पर लेट जाएं और फिर अपनी हथेलियों को नीचे की ओर सीधा रखें।
अब धीरे-धीरे अपने पैरों को घुटनों से मोड़कर कूल्हों के पास ले आएं। अब कूल्हों को जितना हो सके फर्श से ऊपर की तरफ उठाएं और हाथ जमीन पर रखें।
इस दौरान सांस अंदर लें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस से सामान्य स्थिति में आ जाएं।