शरीर के मूलाधार चक्र को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं ये पांच योगासन
क्या है खबर?
हमारे शरीर के अंदर सात अलग-अलग ऊर्जा केंद्र वाले चक्र हैं, जिसमें से सबसे पहला मूलाधार चक्र है, जिसे रूट चक्र भी कहा जाता है।
यह चक्र मन, शरीर और आत्मा को पृथ्वी से जोड़ता है और इसका संतुलित रहना इसलिए जरूरी है ताकि शरीर और दिमाग स्वस्थ रहें।
आइए आज हम आपको पांच ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो मूलाधार चक्र को संतुलित बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
#1
वीरभद्रासन
वीरभद्रासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को कंधे की सीध में फैला लें, फिर दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें।
थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। इसके बाद इस प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं।
#2
सुखासन
सबसे पहले योगा मैट पर पैरों को सीधा करके बैठें।
अब बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और दाएं पैर की जांघ के नीचे रखें।
इसके बाद दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर की जांघ के नीचे रखें, फिर दोनों हाथों को ध्यान मुद्रा में घुटनों पर रखें और अपनी दोनों आंखों को बंद करें। इस दौरान अपने शरीर को आरामदायक स्थिति में रखें।
कुछ सेकेंड इसी स्थिति में रहने के बाद धीरे-धीरे आंखें खोलकर आसन को छोड़ दें।
#3
बालासन
बालासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी।
कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#4
मलासन
सबसे पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर और कंधे की सीध से बाहर की तरफ फैलाकर बैठ जाएं। ध्यान रहे कि बैठते समय कमर का ऊपरी भाग सीधा होना चाहिए। इस अवस्था में आने के बाद शरीर मल त्यागने वाली मुद्रा में दिखाई देने लगेगा।
अब अपने दोनों हाथों को नमस्कार मुद्रा में जोड़ लें। कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहने की कोशिश करें, फिर आसन को छोड़ दें।
#5
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
अब अपने पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें।
इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। अब कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहें, फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
कुछ देर विश्राम के बाद इस योगासन का दोबारा अभ्यास करें।