थायराइड: जानिए गले से जुड़ी इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
थायराइड गले की एक ग्रंथि होती है जिसका आकार तितली की तरह होता है और यह शरीर की कई जरूरी गतिविधियों को नियंत्रित करने में मदद करती है। यह ग्रंथि ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरॉक्सिन हार्मोंन्स का निर्माण करती है और जब ये हार्मोंन्स असंतुलित होने लगते हैं तो थायराइड की समस्या होती है। आइए आज हम आपको इसी समस्या से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं ताकि आप समय रहते इससे बच सकें।
थायराइड के कारण
थायराइड ग्रंथि में किसी कारणवश बनी गांठ थायराइड की समस्या पैदा कर सकती है। टाइप 2 मधुमेह और बढ़ता वजन जैसी बीमारियां भी थायराइड की समस्या का मुख्य कारण बन सकती हैं। अगर किसी गर्भवती महिला को थायराइड की समस्या है तो उनके होने वाले बच्चे को भी यह समस्या हो सकती है यानि यह आनुवांशिक है। इसी के साथ गलत खान-पान और खराब जीवनशैली भी इस समस्या का कारण बन सकते हैं।
थायराइड के लक्षण
वजन का बढ़ना या कम होना, चेहरे पर सूजन, रूखी त्वचा, पतले और रूखे-बेजान बाल, समय से पहले बालों का सफेद होना और जोड़ों में सूजन या दर्द होना थायराइड के प्रमुख लक्षण हैं। कम पसीना आना, मासिक धर्म का असामान्य होना, अधिक थकावट महसूस होना और कब्ज भी थायराइड के लक्षण हैं। तनाव, उच्च रक्तचाप और याददाश्त कमजोर होना जैसी समस्याएं भी थायराइड का संकेत हो सकती हैं।
थायराइड का कैसे पता लगाया जा सकता है?
अगर आपको खुद में थायराइड की समस्या के कुछ लक्षण दिखने लगें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि समय रहते समस्या के जोखिम को कम किया जा सके। इसके लिए डॉक्टर आपको TSH टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं और इसके जरिए ट्राईआयोडोथायरोनिन और थायरॉक्सिन हार्मोंन्स की स्थिति का पता लगाया जाता है। इसके अलावा डॉक्टर आपको थायराइड एंटीबॉडी टेस्ट या फिर गले का अल्ट्रासाउंड कराने का निर्देश भी दे सकते हैं।
थायराइड से बचाव के उपाय
रोजाना संतुलित आहार का सेवन करें और धूम्रपान, शराब और जंक फूड आदि चीजों का सेवन करने से बचें। इसके अलावा समय से सोने और समय से जागने का नियम बना लें। इसी के साथ नियमित तौर पर कुछ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज और योगासनों का अभ्यास भी करें। विषैले या हानिकारक रसायनों के संपर्क में आने से बचें। समय-समय पर अपने वजन को चेक करते रहें और वजन में अधिक बदलाव आने पर थायराइड की जांच कराएं।