हाइपोथायरायडिज्म के जोखिम कम करने में मदद कर सकते हैं ये खाद्य पदार्थ
क्या है खबर?
हाइपोथायरायडिज्म तब होता है, जब थायराइड ग्रंथि शरीर में पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है।
आमतौर पर यह बीमारी उम्रदराज महिलाओं को प्रभावित करती हैं, जिसके कारण जोड़ों के दर्द, मोटापा, हृदय रोग और तनाव जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
हालांकि, पौष्टिक भोजन समेत स्वस्थ जीवनशैली इस स्थिति से निपटने में मदद कर सकती है।
आइए आज हम आपको पांच ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताते हैं, जो इस बीमारी के जोखिम करने में सहायक हैं।
#1
सूखे मेवे
सूखे मेवे सेलेनियम नामक सूक्ष्म पोषक तत्व से समृद्ध होते हैं, जो एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह कार्य करके थायराइड हार्मोन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सेलेनियम थायराइड ग्रंथियों को मुक्त कणों से क्षतिग्रस्त होने से भी बचाता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित 2017 की समीक्षा के अनुसार, ब्राजील नट्स, हेजलनट्स और मैकाडामिया नट्स आदि में सेलेनियम की उच्च मात्रा मौजूद होती है, इसलिए इनका सेवन हाइपोथायरायडिज्म से लड़ने में कारगर माना जाता है।
#2
योगर्ट और अन्य दुग्ध उत्पाद
योगर्ट और पनीर, दूध, दही और मक्खन जैसे दुग्ध उत्पाद ऐसे सर्वोत्तम स्रोतों में से एक हैं, जिनका सेवन हाइपोथायरायडिज्म के जोखिम कम करने में मदद कर सकता है।
बता दें कि एक कप कम वसा वाला योगर्ट आपकी दैनिक आयोडीन आवश्यकता का आधा हिस्सा प्रदान कर सकता है। वहीं, दुग्ध उत्पाद भी विटामिन-D से भरपूर होते हैं, जो हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों के लिए आवश्यक खनिज है।
विटामिन-D रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में कारगर होता है।
#3
पत्तेदार हरी सब्जियां
काले, पालक, चार्ड जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां विटामिन-A, आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर होती हैं, जो थायराइड ग्रंथि के ठीक से काम करने के लिए आवश्यक है।
विटामिन-A थायराइड ग्रंथियों को हार्मोन बनाने में मदद करता है, जबकि मैग्नीशियम और आयरन उन्हें अवशोषित करने में मदद करते हैं।
फाइबर से भरपूर पत्तेदार हरी सब्जियों का सेवन पाचन में भी सुधार करता है और कब्ज की समस्या को कम करता है, जो हाइपोथायरायडिज्म का एक सामान्य लक्षण है।
#4
समुद्री शैवाल
आयोडीन आपके शरीर में थायराइड हार्मोन का उत्पादन करने में मदद कर सकता है। वहीं, इसकी कमी से हाइपोथायरायडिज्म का खतरा बढ़ सकता है।
समुद्री शैवाल आयोडीन से युक्त होते हैं, जो थायराइड ग्रंथि को प्रभावी ढंग से कार्य करने में मदद कर सकता है।
यही नहीं, यह फाइबर, कैल्शियम, विटामिन-A, विटामिन-B, विटामिन-C, विटामिन-E और विटामिन-K से भी समृद्ध होता है। आप सूप, सलाद या सुशी में समुद्री शैवाल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
#5
अंडे
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित लोगों को रोजाना अंडे का सेवन करना चाहिए क्योंकि ये आयोडीन और सेलेनियम से भरपूर होते हैं।
थायराइड के लिए सुपरफूड होने के अलावा, अंडे टायरोसिन और प्रोटीन से भी युक्त होते हैं, जो धीमे मेटाबॉलिज्म को तेज करने में उपयोगी होते हैं।
बता दें कि एक पूरा अंडा लगभग छह ग्राम प्रोटीन, 20 प्रतिशत सेलेनियम और 15 प्रतिशत आयोडीन प्रदान करता है।