परिवार संग वीकेंड को बनाएं मजेदार, करें इन कम भीड़-भाड़ वाले स्थानों की यात्रा
काम-काज में व्यस्त रहने के कारण लोग खुद के लिए और अपने परिवार वालों के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। ऐसे में जीवन बेरंग और उबा देने वाला हो जाता है। आप अपनी हफ्ते भर की थकान को मिटाने और मजेदार अनुभव के लिए इस वीकेंड पर यात्रा की योजना बनाएं। भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जो कम प्रचिलित हैं और जहां अधिक भीड़ नहीं होती। इस वीकेंड परिवार के साथ इन कम प्रचिलित जगहों की यात्रा करें।
गवी
गवी केरल का एक इको-पर्यटन स्थल है, जो धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है। यह एक खूबसूरत गांव है, जो आधुनिकता से दूर है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता से सबका मन मोह लेता है। गवी मुख्य रूप से अपने वन्य जीवन के लिए जाना जाता है। यहां आकर आपको पक्षियों की 260 प्रजातियां और कई तरह के जानवर देखने को मिल जाएंगे। विश्व प्रशंसित एलिस्टेयर इंटरनेशनल द्वारा इसे भारत में अवश्य देखने योग्य स्थानों में से एक बताया गया है।
पंगोट
पंगोट उत्तराखंड का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो नैनीताल से करीब 13 किलोमीटर दूर है। इस गांव का मुख्य आकर्षण है यहां पर मौजूद 580 प्रजातियों के पक्षी, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। साथ ही यहां बर्फ से ढकी हुई पहाड़ी चोटियां भी दिखाई देती हैं। पंगोट की यात्रा करते समय आपको तेंदुए,हिरण और सांभर जैसे कई जानवर भी दिख सकते हैं। आप इस गांव में पंगोट और किलबरी पक्षी अभयारण्य भी घूम सकते हैं।
खज्जियार
हिमाचल प्रदेश के चंबा में बसा हुआ खज्जियार एक शांत और सुंदर शहर है, जिसे मिनी स्विजरलैंड भी कहते हैं। यह स्थान अपने चीड़ और देवदार के जंगलों, सुंदर नजारों और एडवेंचर गतिविधियों के लिए मशहूर है। यह शहर समुद्र तल से 6,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और डलहौजी से लगभग 24 किलोमीटर दूर है। खज्जियार नाग देवता को समर्पित खज्जी नाग मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जिसे 10वीं शताब्दी में बनाया गया था।
जीरो वैली
अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले में स्थित जीरो वैली अपने मनमोहक नजारों और संस्कृति के लिए मशहूर है। यहां आकर आप अपने परिवार के साथ बाली कृषि के चावल के खेतों और जानवरों को देख सकते हैं। अगर आप सितंबर में जीरो घाटी की यात्रा करते हैं तो जीरो संगीत समारोह में जरूर शामिल हों, जहां पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन किया जाता है। इस स्थान की यात्रा का आदर्श समय मार्च से लेकर अक्टूबर तक है।
कास पठार
कास पठार आरक्षित वन महाराष्ट्र के सतारा शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित एक पठार है। सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला के बीच एक पर्वत पर स्थित कास पठार को UNESCO द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। इस स्थान पर कई अलग-अलग प्रजाती के फूल खिलते हैं, जिन्हें देखने के लिए आप अगस्त से लेकर अक्टूबर तक यहां आ सकते हैं। आप लंबे वीकेंड का लुफ्त उठाने के लिए इन 5 अंतरराष्ट्रीय स्थानों की यात्रा पर जा सकते हैं।