कुवैत अग्निकांड में मारे गए केरल निवासियों के परिजनों को 12-12 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा
खाड़ी देश कुवैत के मंगाफ जिले में हुए भीषण अग्निकांड में जान गंवाने वाले केरल निवासियों के लिए पिनरई विजयन की सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। गुरुवार को आपातकालीन विशेष कैबिनेट बैठक के बाद प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की आर्थिक राहत देने का ऐलान किया है। घटना में 40 भारतीयों समेत 49 लोगों की मौत हुई है। इनमें केरल के निवासियों संख्या 24 है।
केरल के 2 प्रमुख व्यवसायी भी करेंगे मदद
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, कैबिनेट ने घोषणा की कि सरकार के साथ ही केरल के 2 प्रमुख व्यवसायी यूसुफ अली और रवि पिल्लई भी अपनी ओर से मृतकों के परिजनों को मदद राशि देंगे। उन्होंने क्रमशः 5-5 लाख और 2-2 लाख रुपये देने का ऐलान किया है। सरकार का कहना है कि दोनों व्यवसायियों की मदद राशि को गैर-निवासी केरलवासी मामलों (NORKA) के जरिए दी जाएगी। इस तरह हर परिवार को कुल 12 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री जाएंगी कुवैत
केरल सरकार ने बताया कि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज घायलों की सहायता के प्रयासों का समन्वय करने, व्यवस्था का जायजा लेने और मृतकों के शवों के भारत लाने के लिए कुवैत की यात्रा करेंगी। उनके साथ राज्य मिशन निदेशक (NHM) जीवन बाबू भी जाएंगे। इसके अलावा राज्य सरकार ने एक सहायता डेस्क और वैश्विक मदद केंद्र भी बनाया है, जो 24 घंटे काम कर रहा है। राज्य सरकार विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क बनाए हुए है।
केंद्र सरकार ने भी 2-2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया
कुवैत में मारे गए 40 भारतीय नागरिकों के परिजनों के लिए केंद्र सरकार ने भी प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह कुवैत रवाना हो गए हैं। वह घायलों की मदद और मृतकों के शवों को भारत लाने के प्रयास में जुटे हैं। उन्होंने जानकारी दी कि शवों के DNA की पहचान चल रही है, जिसके बाद भारतीय वायुसेना के विमानों से उनको भारत लाया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
कुवैत में 12 जून को श्रमिकों के 6 मंजिला आवासीय इमारत के निचले तल पर स्थित रसोईघर में आग लग गई, जिसकी चपेट में आकर 40 भारतीयों समेत 49 लोगों की मौत हो गई और 50 लोग घायल हैं। इमारत को NBTC समूह ने किराए पर लिया था, जहां कंपनी से जुड़े करीब 196 लोग रहते थे। मृतकों में अधिकतर केरल, तमिलनाडु और उत्तरी भारतीय राज्यों से हैं। घटना के समय इमारत में लोग सो रहे थे।