अपने शिशुओं की मुलायम त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए अपनाएं ये 5 असरदार तरीके
बड़ों की तुलना में शिशुओं की त्वचा अधिक नाजुक होती है। अपने शिशु की त्वचा की देखभाल करने के लिए उनकी त्वचा की जरूरतों को समझना अहम होता है। गलत उत्पादों के इस्तेमाल से उन्हें चकत्ते, लालपन और जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये परेशानियां आम तौर पर कपड़ों, डिटर्जेंट और अन्य उत्पादों में पाए जाने वाले रसायनों के कारण होती हैं। आप इन 5 टिप्स के जरिए अपने बच्चों की त्वचा की देखभाल कर सकते हैं।
सावधानी से नहलाएं
शिशुओं की त्वचा संवेदनशील होती है, जिस कारण से उन्हें नहलाने के लिए खुशबू रहित और सौम्य साबुन का उपयोग करना चाहिए। इनसे जलन होने की संभावना कम हो जाती है और शिशुओं को असुविधा नहीं होती। गर्म पानी त्वचा के प्राकृतिक तेल छीन सकता है और सूखापन पैदा कर सकता है। इसीलिए शिशुओं को नहलाते समय गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप अपने शिशुओं को रोजाना नहलाने के बजाए हफ्ते में 2 बार ही स्नान कराएं।
त्वचा को करें मॉइस्चराइज
नहलाने के बाद बच्चे की त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के लिए उसे मॉइस्चराइज करना जरूरी होता है। शिशु की त्वचा पर एक सौम्य और बच्चों वाला मॉइस्चराइजर ही उपयोग करें, जो सुगंध और कठोर रसायनों से मुक्त हो। मॉइस्चराइजिंग नमी को बनाए रखने, शुष्कता को रोकने और त्वचा को नरम रखने में मदद करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बच्चे की त्वचा हल्की नम होने पर ही मॉइस्चराइज लगाना चाहिए।
समय-समय पर बदलें डायपर
डायपर से होने वाले रैश को रोकने के लिए समय-समय पर डायपर बदलना जरूरी होता है। गंदा या गीला डायपर त्वचा में जलन पैदा कर सकता है, जिससे चकत्ते हो सकते हैं। शिशु की त्वचा पर जिंक ऑक्साइड युक्त डायपर रैश क्रीम का उपयोग करें, जो नमी को रोकने में मदद करती है और खुजली को शांत करती है। आपको शिशु को दिनभर में कुछ घंटे बिना डायपर पहनाए भी रखना चाहिए, ताकि रैशेज होने की संभावना कम हो सके।
पहनाएं मुलायम कपड़े
अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए आपको उन्हें मुलायम कपड़े पहनाने चाहिए। शिशुओं को सूती और कॉटन जैसे कपड़े पहनाना जरूरी होता है, क्योंकि ये कोमल होते हैं और हवा का संचार होता है। इनके जरिए जलन और गर्मी लगने का खतरा कम हो जाता है। आपको सिंथेटिक कपड़े पहनाने से बचना चाहिए, जो शिशुओं में असुविधा और एलर्जी का कारण बन सकते हैं। आप 9 महीने से पहले जन्में बच्चे की देखभाल के लिए ये टिप्स अपनाएं।
सूरज की किरणों से रखें सुरक्षित
शिशुओं की त्वचा सूरज की किरणों के प्रति बहुत संवेदनशील होती है। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच बच्चों को भी धूप से दूर रखना चाहिए। शिशुओं की त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए चौड़े किनारे वाली टोपी पहनाएं। कोशिश करें कि 6 महीने से छोटे बच्चों पर सनस्क्रीन का प्रयोग न करें। इसके बजाए उनके शरीर को कपड़ों की मदद से ही ढकें।