अपनी रसोई को पर्यावरण के अनुकूल साफ रखने के लिए अपनाएं ये आसान टिप्स
रसोई सभी घरों का सबसे जरूरी हिस्सा होती है, जिसे साफ रखना बेहद जरूरी होता है। खाना बनाते समय सब्जी, मसालों या दूध आदि के छींटे गिरने से रसोई में दाग पड़ जाते हैं, जिन्हें साफ करना बेहद मुश्किल होता है। हालांकि, रसोई घर को साफ रखना स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद जरूरी होता है, क्योंकि यहां खाना पकाया जाता है। आप अपनी रसोई को पर्यावरण के अनुकूल साफ करने के लिए ये आसान टिप्स आजमा सकती हैं।
घर पर बनाएं क्लीनर
बाजार में मिलने वाले सफाई उत्पादों में रसायन होते हैं, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनके बजाय आप बेकिंग सोडा और नींबू जैसी सामग्रियों का उपयोग करके घर पर पर्यावरण के अनुकूल क्लीनर बना सकती हैं। पानी के साथ सिरका मिलाने से एक बेहद कारगर क्लीनर बनता है, वहीं जिद्दी दागों पर बेकिंग सोडा छिड़कने से उन्हें आसानी से दूर किया जा सकता है। आप इन नुस्खों से पीतल के बर्तनों को साफ कर सकती हैं।
दोबारा इस्तेमाल होने वाले सफाई के उपकरण खरीदें
एक बार उपयोग होने वाले कागज के तौलिये और डिस्पोजेबल स्पंज पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनकी जगह आपको बार-बार इस्तेमाल किए जाने वाले सफाई उपकरण खरीदने चाहिए। धोने योग्य माइक्रोफाइबर कपड़े की तौलिया, बांस से बना स्क्रब ब्रश और बायोडिग्रेडेबल स्पंज इस्तेमाल करने पर विचार करें। ये टिकाऊ विकल्प न केवल रसोई को अच्छी तरह साफ करेंगे, बल्कि आपके पैसे भी बचाएंगे। जब यह उपकरण गंदे हो जाएं तो उन्हें साबुन की मदद से धो लें।
प्लास्टिक से करें परहेज
अपनी रसोई की सफाई दिनचर्या में प्लास्टिक-मुक्त विकल्पों का चयन करना अच्छा रहेगा। प्लास्टिक की पन्नियां और उससे बनी अन्य चीजें पर्यावरण को दूषित करने में योगदान देती हैं। इनके बजाय स्टेनलेस स्टील, कांच या सिलिकॉन से बनी स्प्रे की बोतलें इस्तेमाल करें, जिन्हें आप बार-बार भर सकें। ये विकल्प न केवल प्लास्टिक कचरे को कम करते हैं, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल रसोई को साफ करने में भी मदद करते हैं।
कचरे को सही तरह से फेकें
रसोई को ठीक तरह से साफ करने के साथ ही कचरे को सही ढंग से फेकना भी बेहद जरूरी होता है। खाना पकाने के बाद सब्जी के छिलकों को कचरे के डिब्बे में फेकने के बजाय आप उन्हें पेड़ों में डाल सकती हैं या जानवरों को खिला सकती हैं। साथ ही चाय पत्ती और फलों के छिलकों को जमा करके खाद बनाई जा सकती है। प्लास्टिक आदि जैसे कचरे को नॉन-बायोडीग्रेडेबल डिब्बे में ही फेकें।