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गले की खराश मिटाने से लेकर निखरी त्वचा तक, नीलगिरी के तेल से मिलेंगे ये लाभ 

गले की खराश मिटाने से लेकर निखरी त्वचा तक, नीलगिरी के तेल से मिलेंगे ये लाभ 

लेखन सयाली
Apr 22, 2024
06:30 am

क्या है खबर?

नीलगिरी के पेड़ का तेल अपने एंटी-फंगल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है। यह तेल अरोमाथेरेपी और त्वचा की देखभाल के लिए इस्तेमाल होता है। नीलगिरी का तेल सांस से जुड़ी समस्याओं में आराम दिलाने में भी मदद करता है। इसे सिरदर्द को कम करने, मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द में आराम पाने और संपूर्ण स्वास्थ्य के सुधार के लिए उपयोग किया जाता है। आइए नीलगिरी के तेल से मिलने वाले 5 फायदे जानते हैं।

#1

सर्दी-जुखाम से मिलता है आराम 

नीलगिरी का तेल आपको फ्लू और जुखाम से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसमें अच्छी मात्रा में मोनोटेरपेन होता है, जो सर्दी को दूर कर सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) के अनुसार, नीलगिरी का तेल डिकॉन्गेस्टेंट, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। इसके इस्तेमाल से एलर्जिक राइनाइटिस, अस्थमा और बहती नाक को ठीक किया जा सकता है। यहां जानें- नीलगिरी तेल से जुड़े कुछ बेहतरीन और सरल हैक्स।

#2

गले की खराश से मिलती है राहत 

नीलगिरी का तेल आपको गले की खराश से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकता है। यह एरोमाडेंड्रिन से भरपूर होता है, जिसके चलते इसके इस्तेमाल से गले की समस्याएं ठीक हो सकती हैं। नीलगिरी के तेल के जीवाणुरोधी गुण इसे गले में खराश को मिटाने के लिए एक कारगर उपाय बनाते हैं। आप अपने नहाने के पानी में इसकी 2-3 बूंदें डालकर इस्तेमाल करें या इसे बादाम या नारियल के तेल के साथ मिलाकर गले पर लगाएं।

#3

त्वचा में आता है निखार 

अगर आप निखरी और बेदाग त्वचा पाना चाहते हैं तो नीलगिरी का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। NIH के अनुसार, नीलगिरी तेल के जीवाणुरोधी गुण सीबम उत्पादन को बढ़ावा दे सकते हैं, जो त्वचा की सतह को हाइड्रेट करने वाला एक तैलीय पदार्थ होता है। साथ ही यह तेल वसामय ग्रंथि के आकार को कम करके मुंहासों को फैलने से रोकता है। इसे लगाने से आप सूखी और परतदार त्वचा से भी छुटकारा पा सकते हैं।

#4

घावों को भरने में करता है मदद

अपने जीवाणुरोधी, एंटी-सेप्टिक और एंटि-फंगल गुणों के कारण नीलगिरी का तेल सूजन को कम करता है। इसके साथ यह चोट के घावों को भी तेजी से भरता है। इसके इस्तेमाल से मामूली जलन और खरोचों को ठीक करके संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है। मच्छर या कीड़ों के काटने पर निकलने वाले दानों को भी इसकी मदद से ठीक किया जा सकता है। इसे घाव पर लगाने के कुछ मिनट बाद ही असर दिखने लग जाता है।

#5

दर्द को कम करने में सहायक 

NIH के अनुसार, नीलगिरी में मोनोटरपीन, एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह सभी गुण शरीर में होने वाले दर्द से निजात दिलाने में कारगर माने जाते हैं। 2022 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि नीलगिरी के तेल को सूंघने से दर्द से राहत मिलती है। नीलगिरी का तेल शरीर और जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकता है। हालांकि, इसे सीधे त्वचा पर लगाने से पहले इसे किसी अन्य तेल के साथ मिलाना जरूरी होता है।