9 महीने से पहले जन्मे शिशुओं की देखभाल करने के लिए अपनाएं ये टिप्स
कई बार मां का स्वास्थ्य बिगड़ने के कारण बच्चे 9 महीने से पहले पैदा हो जाते हैं। समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों को प्री-मैच्योर कहा जाता है। गर्भावस्था के 35 सप्ताह से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं को चिकित्सकीय देख-रेख की आवश्यकता होती है और उन्हें कुछ हफ्तों या महीनों के लिए NICU (नवजात गहन देखभाल इकाई) में रखा जाता है। NICU से निकलने के बाद अपने शिशु की देखभाल करने के लिए अभिभावक ये टिप्स अपनाएं
ठीक से पिलाएं दूध
9 महीने से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं को अक्सर भोजन करने में कठिनाई होती है। ऐसे शिशुओं को भूख लगने पर भी वे ठीक से रो नहीं पाते। ऐसे में माता-पिता को बच्चे पर नजर रखने और उन्हें समय पर दूध पिलाने की जरूरत होती है। अपने डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने बच्चे को हर 2 या 3 घंटे में दूध पिलाएं। नियमित रूप से मूत्र या मलत्याग और वजन बढ़ना पेट भरने के संकेत हैं।
बच्चों के तापमान को नियंत्रित रखें
माता-पिता को सलाह दी जाती है कि वे बच्चे के शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए उसके साथ त्वचा से त्वचा का संपर्क बनाए रखें। इसे कंगारू देखभाल के रूप में भी जाना जाता है। इसके जरिए आपके शिशु को पर्याप्त गर्मी मिलती है। आप अपने बच्चों को कपड़े पहनाकर और तौलिए में लपेटकर रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि समय से पहले जन्मे बच्चों को कमरे के तापमान के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल होता है।
स्वच्छता बनाए रखें
9 महीने से पहले जन्म लेने वाले शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे उनमें संक्रमण और बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने घर में और विशेष तौर पर बच्चे के आस-पास सफाई बनाए रखें। पहले कुछ महीनों तक बच्चे को छूने या गोद में उठाने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। साथ ही लंबे समय तक बच्चे को गंदा डाइपर पहनाकर न रखें।
नहलाते समय बरतें सावधानी
समय से पहले जन्मे बच्चे नाजुक होते हैं और उनकी त्वचा संवेदनशील होती है। इसलिए उनकी त्वचा की सावधानीपूर्वक देखभाल करना जरूरी होता है। शिशु की त्वचा पर किसी भी रसायन युक्त उत्पाद का उपयोग न करें, क्योंकि इससे बुरा प्रभाव पड़ सकता है। बच्चे को नहलाने के लिए उसकी त्वचा पर हमेशा गुनगुने पानी का उपयोग करें। अपने शिशु को जल्दी नहलाएं और तुरंत एक मुलायम तौलिए में लपेटें।
लोगों को बच्चे के करीब न आने दें
माता-पिता को कुछ महीनों तक बच्चे का बाहरी दुनिया से संपर्क सीमित रखना चाहिए, क्योंकि वे प्रदूषण और शोर के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसके चलते वे बीमारियों या संक्रमण के संपर्क में आ सकते हैं। ऐसे में अपने घर में लोगों का आना-जाना कम करें। खास तौर से स्कूल जाने वाले बच्चों और बिमारियों से संक्रमित लोगों से शिशु से दूर रखें। आप अपने बच्चों को गर्मी की लहर से बचाने के लिए ये टिप्स अपना सकते हैं।