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जोजिला सुरंग का 70 प्रतिशत काम पूरा, सालभर श्रीनगर से लद्दाख जा सकेंगे यात्री; जानें फायदे
जोजिला सुरंग का काम 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है

जोजिला सुरंग का 70 प्रतिशत काम पूरा, सालभर श्रीनगर से लद्दाख जा सकेंगे यात्री; जानें फायदे

लेखन आबिद खान
Mar 27, 2025
06:42 pm

क्या है खबर?

श्रीनगर को लद्दाख से जोड़ने वाली एशिया की सबसे लंबी जोजिला सुरंग का करीब 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में इसकी जानकारी दी है। यह सुरंग लद्दाख और देश के बाकी हिस्सों के बीच सभी मौसम में सुचारू आवागमन प्रदान करेगी। माना जा रहा है कि 2026 तक सुरंग का काम पूरा हो सकता है। इसके बाद पूरे साल यात्री श्रीनगर से लद्दाख जा सकेंगे।

सुरंग

5,500 करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण

इस परियोजना का निर्माण 5,500 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से किया जा रहा है। परियोजना के तहत 13 किलोमीटर से अधिक लंबी सुरंग और 17 किलोमीटर से अधिक कनेक्टिंग मार्गों का निर्माण किया जा रहा है। मंत्री गडकरी ने बताया कि शुरुआत में सुरंग के निर्माण पर 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने का अनुमान था, लेकिन इसे लगभग 5,500 करोड़ रुपये में पूरा कर लिया जाएगा।

खासियत

क्या है खासियत?

यह सुरंग 7.57 मीटर ऊंची है। इसे घोड़े के नाल के आकार, एकल ट्यूब, 2-लेन सुरंग के रूप में बनाया गया है। यह सुरंग हिमालय में जोजिला दर्रे के नीचे से गुजरती है और कश्मीर के गांदरबल को लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास कस्बे से जोड़ती है। परियोजना को एक स्मार्ट टनल (SCADA) प्रणाली के अनुरूप न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग विधि का उपयोग करके किया गया है। इसमें CCTV कैमरे, रेडियो नियंत्रण, निर्बाध विद्युत आपूर्ति और वेंटिलेशन जैसी सुविधाएं हैं।

फायदा

9 घंटे का सफर 3:30 घंटे में होगा पूरा

परिवहन मंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 22 सुरंगों का काम पूरा हो चुका है और 14 का काम जारी है। इन सुरंगों के पूरा होने से यात्रा का समय लगभग 9 घंटे से घटकर साढ़े 3 घंटे रह जाएगा। सुरंग से जोजिला दर्रे के पार यात्रा का समय 3 घंटे से घटकर सिर्फ 20 मिनट होने की उम्मीद है। इसके अलावा सालभर आवागमन सुनिश्चित होने की वजह से सुरंग का रणनीतिक महत्व भी है।

आधारशिला

2018 में प्रधानमंत्री ने रखी थी आधारशिला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में जोजिला सुरंग की आधारशिला रखी थी। तब आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 6,800 करोड़ रुपये की लागत से इसके निर्माण को मंजूरी दी थी। इसके तहत जम्मू कश्मीर में 20 और लद्दाख में 11 सुरंगों का निर्माण किया जाना है। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय संपर्क और रणनीतिक तैयारियों को बढ़ाना है। माना जा रहा है कि इस साल के आपातकालीन और रक्षा उद्देश्यों के लिए जोजिला सुरंग शुरू हो सकती है।