'पश्मीना मार्च' से पहले लेह में धारा-144 लागू, वांगचुक बोले- इलाका युद्ध क्षेत्र में बदल गया
क्या है खबर?
पर्यावरण कार्यकर्ता और इंजीनियर सोनम वांगचुक ने लेह में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगे इलाकों में पश्मीना मार्च निकालने का ऐलान किया है।
7 अप्रैल को निकलने वाले इस मार्च में हजारों लोगों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए लेह में धारा 144 लागू कर दी गई है और इंटरनेट पर भी आंशिक प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कुछ लोगों को हिरासत में भी लिए जाने की खबर है।
बयान
वांगचुक बोले- लेह को युद्ध के मैदान में बदला जा रहा
वांगचुक ने कहा, 'शांतिपूर्ण युवा नेताओं यहां तक कि गायकों को भी गिरफ्तार करने का प्रयास जारी है। ऐसा लगता है कि वे सबसे शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बनाना चाहते हैं और फिर लद्दाख वासियों को राष्ट्र-विरोधी करार देना चाहते हैं। अगर वे हमें आगे बढ़ने से रोकते हैं तो यह दर्शाता है कि सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ है और वे नहीं चाहते कि वास्तविक तस्वीर बाहरी दुनिया के सामने आए।'
प्रतिबंध
लद्दाख प्रशासन ने लगाए कई प्रतिबंध
मार्च को देखते हुए लद्दाख प्रशासन ने लेह में 4 से ज्यादा लोगों के जुटने पर रोक लगा दी है। लेह के जिला मजिस्ट्रेट संतोष सुखदेव ने निर्देश दिया कि उनकी पूर्व अनुमति के बिना कोई भी जुलूस, रैली या मार्च नहीं निकाला जाना चाहिए।
इसके अलावा बिना अनुमति के वाहनों ने लाउडस्पीकर और सार्वजनिक सभा के आयोजन पर भी रोक है। प्रशासन का कहना है कि लेह में शांति के संभावित उल्लंघन का संकेत देने वाले विश्वसनीय इनपुट हैं।
इंटरनेट
इंटरनेट पर भी आंशिक प्रतिबंध
लद्दाख के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसडी सिंह जामवाल ने लेह के 10 किलोमीटर के दायरे में 3G, 4G और 5G कनेक्शन की इंटरनेट स्पीड को कम कर 2G तक कर दिया है। ये आदेश 6 अप्रैल की शाम 6 बजे से अगले 24 घंटे के लिए लागू रहेगा।
प्रशासन सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रख रहा है और सांप्रदायिक सद्भाव और शांति भंग करने वाली संभावित पोस्ट के शेयर करने पर भी रोक लगा दी है।
मार्च
क्यों मार्च निकाल रहे हैं वांगचुक?
दरअसल, वांगचुक का दावा है कि चीन ने भारत की करीब 4,000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है।
वांगचुक का दावा है कि पहले भारतीय चरवाहों की इन इलाकों तक पहुंच थी, लेकिन अब चीन ने पहुंच सीमित कर दी है।
इस मार्च के जरिए वांगचुक लद्दाख के चारागाहों में चीनी घुसपैठ को उजागर करने और पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्र की जमीनी हकीकतों को दुनिया के सामने लाएंगे।
मांगें
क्या है वांगचुक की मांगें?
वांगचुक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने और यहां पर संविधान की छठवीं अनुसूची लागू करने की मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा वांगचुक लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें, राज्यसभा में प्रतिनिधित्व और लद्दाख के लिए एक अलग लोक सेवा आयोग की भी मांग कर रहे हैं।
इन मांगों को लेकर वांगचुक ने केंद्र सरकार से चर्चा भी की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका।