सेना ने LoC पर ढेर किए 7 घुसपैठिए, भारतीय चौकी पर हमले का प्रयास विफल- रिपोर्ट
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थित भारतीय सेना की चौकी पर 4-5 फरवरी की रात को पाकिस्तानी घुसपैठियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले के प्रयास को सेना के जवानों ने विफल कर दिया।
इस दौरान सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 2-3 पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों सहित कुल 7 घुसपैठियों को ढेर कर दिया।
सूत्रों के अनुसार, सेना ने इस ऑपरेशन को अभी तक गुप्त रखा था, लेकिन अब इसकी जानकारी सामने आ गई है।
हमला
कृष्णाघाटी सेक्टर में घात लगाए बैठे थे घुसैपठिए
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एक एजेंट सहित एक दर्जन घुसपैठियों ने 5 फरवरी की रात को पुंछ जिले के कृष्णाघाटी सेक्टर स्थित भारतीय सेना की एक चौकी पर घात लगाकर हमले का प्रयास किया था, लेकिन सेना की मुस्तैदी से यह विफल हो गया।
इसके बाद सेना के जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 7 घुसपैठियों को मार गिराया, जबकि कुछ फरार हो गए। सेना उनकी तलाश में जुटी है।
खुलासा
पाकिस्तान सेना में कार्यरत थे 3 घुसपैठिए
सूत्रों ने बताया कि सीमा पार ऑपरेशन के लिए विशेष इकाई के रूप में काम करने वाली पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) LoC पर स्थिति भारतीय अग्रिम चौकी पर हमला करने का प्रयास कर रही थी। उसी दौरान भारतीय सेना की एक टुकड़ी ने उस पर हमला बोल दिया।
सूत्रों ने बताया कि मारे गए 7 घुसैपठियों में से 2-3 पाकिस्तानी सेना के नियमित जवान थे। इसी तरह अन्य आतंकियों के अल-बद्र समूह का सदस्य होने की आशंका है।
शव
शव उठा ले गए घुसपैठियों के सहयोगी
सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना की कार्रवाई के बाद गोलियों और बम धमाकों की आवाज सुनकर पाकिस्तान की अग्रिम चौकी पर खड़े घुसपैठियों के साथी सतर्क हो गए और LoC के करीब आकर मारे गए घुसपैठियों के शवों को अपने साथ ले गए। इससे सेना के हाथ एक भी शव नहीं लग सका।
रिपोर्ट यह भी है कि कुछ घुसपैठियों का पैर जमीन में बिछाई गई लैंडमाइन पर भी पड़ा था, जिसके कारण तेज धमाका हुआ था।
बयान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जताई थी बातचीत की इच्छा
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि वह भारत के साथ कश्मीर समेत सभी मुद्दों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहते हैं।
दिलचस्प बात यह है कि यह ताजा पहल ऐसे समय में हुई है जब जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) जैसे आतंकवादी संगठनों के कमांडरों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में एक सम्मेलन आयोजित किया है।